(विशाल एंग्रीश) करनाल। देश और प्रदेश के गौरव को पूरी दुनिया में बुलंद करने वाले खिलाड़ियों का सम्मान हर समाज और सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। ये कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा आज द्रोणाचार्य अवॉर्डी कृष्ण हुड्डा द्वारा आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने पहुंचे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि खेलों से हम सिर्फ व्यक्तिगत नहीं बल्कि देश के तौर पर भी मजबूत होते हैं। किसी देश व प्रदेश की खेल नीति और खिलाड़ी उसके विकास का पैमाना होते हैं। खेल नीति और खिलाड़ी जितने मजबूत होंगे देश भी उतना ही मजबूत होगा।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार के दौरान 'पदक लाओ और पद पाओ' जैसी नीति बनाई गई थी। क्योंकि हर खिलाड़ी की आधारभूत जरूरत होती है इंफ्रास्ट्रक्चर, सम्मान और सामाजिक सुरक्षा। कांग्रेस कार्यकाल में हमने गांव-गांव में स्टेडियम बनाकर खेलों का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने की कोशिश की। खिलाड़ियों के सम्मान में 5 करोड़ रुपए तक इनाम राशि तय की और साथ ही उन्हें सामाजिक सुरक्षा देते हुए 'पदक लाओ, पद पाओ' नीति के तहत उन्हें उच्च पदों पर नियुक्ति दी। इसका असर ये हुआ कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा के खिलाड़ियों ने पूरे देश का नाम रौशन किया। कॉमनवेल्थ और ओलंपिक खेलों में हरियाणा के खिलाड़ियों ने सबसे ज्यादा पदक हासिल किए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने मौजूदा सरकार द्वारा खेल नीति में किए जा रहे हैं बदलाव पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि सरकार को खिलाड़ियों के साथ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं करना चाहिए। सभी खिलाड़ियों को उनकी उपलब्धि के हिसाब से सम्मान और पद मिलना चाहिए। लेकिन मौजूदा सरकार ने हमारी 'पद पाओ' नीति को बदलकर उसे 'भेदभाव नीति' बना दिया है। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों से एचसीएस, एपीएस और प्रमोशन का अधिकार छीन लिया है। नई नीति के तहत पदक विजेता खिलाड़ी अब जूनियर कोच से उपनिदेशक तक के पदों पर ही नियुक्तियां हासिल कर पाएंगे। नई नीति पैरा ओलंपिक खिलाड़ियों के साथ भी भेदभाव करती है। पैरा ओलंपियन की नियक्ति को ग्रुप-बी पदों तक सीमित कर दिया गया है। ये उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।
हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान खेल नीति के तहत 500 से ज्यादा खिलाड़ियों को उच्च पद दिए गए थे। हजारों खिलाड़ियों को नकद व दूसरे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। लेकिन बीजेपी सरकार में लगातार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों की अनदेखी और बेअदबी हो रही है। ना उन्हें उपलब्धि के मुताबिक पद दिए जा रहे हैं और ना ही सम्मान राशि। बहुत बार खिलाड़ियों को पद और सम्मान पाने के लिए कोर्ट जाना पड़ा है। मौजूदा सरकार ने सिर्फ बड़े पदों के लिए ही नहीं बल्कि ग्रुप डी तक की नियुक्ति में खिलाड़ियों के साथ अन्याय किया है। अपनी खिलाड़ी विरोधी नीति के तहत सरकार ने स्पोर्ट्स कोटे के तहत लगाए गए ग्रुप-डी के 1500 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का काम किया है।
कार्यक्रम में मौजूद खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करते हुए हुड्डा ने कहा कि वो निराश ना हों। भविष्य जैसे ही उन्हें सरकार बनाने का मौका मिलेगा, फिर से खिलाड़ियों के सम्मान को प्राथमिकता दी जाएगी। एकबार भी हरियाणा में दुनिया की सबसे बेहतरीन खेल नीति लागू की जाएगी। इस कार्यक्रम में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ खेल रत्न बॉक्सर विजेंद्र सिंह, द्रोणाचार्य अवॉर्डी आर एस खोखर, राज सिंह, महावीर फोगाट, बलवान सिंह, डीपी दहिया, ध्यान चंद अवॉर्डी शमशेर सिंह, मनप्रीत सिंह, अर्जुन अवॉर्डी अनूप कुमार, जसबीर सिंह, रमेश कुमार, सुंदर राठी, मंजीत चिल्लर, प्रवीण, मोहित चिल्लर, जसवीर, कुलदीप सिंह, जसपाल, जगदीश, नीर गूलर, अमीर सिंह, राजेंदर, जय भगवान, दिनेश, दलेल, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी जोगिंदर सिं,ह रमेश कुमार, नवीन, सोमबीर और वीरभान समेत सैकड़ों खिलाड़ी विशेष तौर पर मौजूद रहे।
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