मुंबई। साल 2021 की शुरुआत में ही संगीत जगत से एक बुरी खबर सामने आ गई है। दुनिया भर में अपने शास्त्रीय गायन से लोगों के दिलों में जगह बना चुके पद्मश्री विजेता गायक उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान साहब का 89 साल की उम्र में मुंबई के बांद्रा स्थित अपने ही घर में निधन हो गया। तकरीबन 15 साल से वो बीमार थे। 15 साल पहले आए ब्रेन स्ट्रोक की वजह से उनके शरीर को लकवा मार गया था> वहीं जिंदगी और मौत के बीच लंबी लड़ाई लड़ते हुए गायक ने 17 जनवरी को दुनिया को अलविदा कह दिया।
उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान साहब के निधन से पूरा देश सदमे में है। गुलाम मुस्तफा साहब की मौत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भारत की स्वरकोकिला लता मंगेशकर ने भी ट्वीट कर दुख व्यक्त किया है, साथ ही उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है। मुस्तफा खान की मृत्यु की खबर सुनते ही सिंगर सोनू निगम उनके घर पहुंचे। साथ ही उन्होंने गुरु उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान की अर्थी को कंधा देने का भी सौभाग्य प्राप्त किया।
उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान साहब के मृतक शरीर को तिरंगा लपेटकर उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई। इस दौरान कोरोना काल में भी उनके चाहने वालों की भीड़ जुटी रही। गुलाम मुस्तफा खान को सांताक्रूज के कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
उस्ताद का जन्म 3 मार्च, 1931 को उत्तर प्रदेश के बंदायू में हुआ था। अपने चार भाइयों और तीन बहनों में उस्ताद सबसे बड़े थे। उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान को 1991 में पद्मश्री, 2006 में पद्म भूषण और 2018 में पद्म भूषण पुरस्कारों से नवाजा गया था। संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था।
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