मुंबई। 7 सितम्बर को हीरोइन ऑफ हाईजैक के नाम से मशहूर नीरजा भनोट का जन्मदिन है। जिन्हें पूरा देश नमन कर रहा है। नीरजा भनोट ने अपनी सूझबूझ, बहादुरी और चतुराई से सैकड़ों लोगों के प्राणों की रक्षा की और विश्व पटल पर भारत का मान बढ़ाया है।
सात सितंबर 1963 को नीरजा का जन्म हरीश और रमा भनोट के घर चंडीगढ़ में हुआ था। माता पिता की लाडली नीरजा को उनके घर पर लाडो के नाम से बुलाया जाता था।
नीरजा की पढ़ाई पहले चंडीगढ़ और फिर मुंबई में हुई। मुंबई में पढ़ाई के दौरान ही उन्हें मॉडलिंग के ऑफर मिलने लगे। नीरजा कई बड़ी कंपनियों के विज्ञापन में दिखीं।
19 साल की उम्र में नीरजा की शादी एक मरीन इंजीनियर से कर दी गई। शादी के बाद वह शारजाह, यूएई शिफ्ट हो गईं। वहां उन्हें घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ा। नीरजा आखिरकार ये सब सहन नहीं कर पाईं और दो महीने बाद वो अपने पति का घर छोड़ वापस मुंबई लौट आईं।
नीरजा ने ये सब कुछ सहने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी और उन्होंने देश की सेवा करने का फैसला किया। जिसके बाद उन्होंने फ्लाइट अटेंडेंट को बतौर करियर चुना।
22 साल की नीरजा भनोट ने 5 सितंबर 1986 को हाईजैक हुए पैमएम फ्लाइट 73 (PanM 73)में सवार 359 लोगों की जान अपनी जान देकर बचाई थी।
नीरजा भनोट के जीवन पर फिल्म भी बनी है जिसमें उनका किरदार अभिनेत्री सोनम कपूर ने निभाया था। उस दौरान सोनम को देखते ही नीरजा की मां भावुक हो गईं थीं और उन्होंने कहा था, ‘ये तो मेरी लाडो ही है।
नीरजा के बलिदान के लिए उन्हें भारत और पाकिस्तान दोनों की सरकारों ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान से नवाजा है।
नीरजा का जन्मदिन 7 सितंबर को है और उनके 23वें जन्मदिन के कुछ घंटे पहले ही उन्हें आतंकियों ने गोलियों से छलनी कर डाला। लेकिन नीरजा का बलिदान खाली नहीं गया। उनके इस बलिदान ने पूरे देश का गौरव बढ़ा दिया।
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