मुंबई: कंगना रनौत मुंबई से मनाली के लिए लौट रही हैं। मनाली लौटने से पहले कंगना ने ट्वीट करके फिर महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा। कंगना ने कहा कि महाराष्ट्र में लोकतंत्र का चीरहरण हुआ और महाराष्ट्र की तुलना पीओके से करना सही था। कल कंगना ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से की थी।
कंगना ने अपने ट्वीट में लिखा, 'भारी दिल के साथ मुंबई से जा रही हूं, जिस तरह से मैं इन दिनों लगातार आतंकित थी और मेरे काम की जगह के बाद मेरे घर को तोड़ने की कोशिश में लगातार हमले और गालियां पड़ीं। मेरे चारों ओर घातक हथियारों के साथ सतर्क सुरक्षा, कहना होगा कि यह पीओके के बराबर ही था। जब रक्षक ही भक्षक होने का ऐलान कर रहे हैं। धड़ियाल बन लोकतंत्र का चीरहरण कर रहे हैं। मुझे कमज़ोर समझ कर बहुत बड़ी भूल कर रहे हैं। एक महिला को डरा कर उसे नीचा दिखाकर, अपनी इमेज को धूल कर रहे हैं।'
शिवसेना की अगुवाई वाली बीएमसी द्वारा बांद्रा में कंगना रनौत के कार्यालय को जल्दबाजी में ढहाने के बावजूद कंगना और शिवेसना के बीच युद्ध तेज हो गया है। राजभवन में हुई बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, कंगना ने कहा, "मैं राज्यपाल से मिलीं। उन्होंने एक बेटी के रूप में सुना। मैं एक नागरिक के रूप में उनसे मिलने आई। मुझे राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।"
राज्यपाल के साथ कंगना की मुलाकात के जवाब में शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि शिवसेना ने इस मुद्दे पर बात नहीं करने का फैसला किया । उन्होंने कहा, 'हमने तय किया हैं कि हम इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहेंगे। इतिहास को भुलाया नहीं जा सकता। हम कह रहे हैं कि महाराष्ट्र में कौन सी पार्टी कह रही है, क्योंकि उनके द्वारा सत्ता खो दी गई है। हम ऐसे मुद्दों को नहीं उठाएंगे। हम राष्ट्रीय महत्व के सवाल चीन और आर्थिक मंदी पर बात करेंगे।"
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