मुंबई। कोरोना महामारी के बीच लोगों की मदद के लिए आगे आए एक्टर सोनू सूद इन दिनों जबरदस्त सुर्खियों में बने हुए हैं। हाल ही में एक्टर ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। दरअसल, BMC ने सोनू के खिलाफ रिहाइशी बिल्डिंग को होटल में तब्दील करने को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद सोनू ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिसपर सोमवार यानी 11 जनवरी को अदालत ने सुनवाई की है। बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश पृथ्वीराज चव्हाण की एक सदस्यीय पीठ ने सोमवार को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सोनू सूद को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने बीएमसी को 13 जनवरी तक कोई कार्रवाई ना करने के निर्देश जारी किए हैं।
दरअसल, BMC ने 4 जनवरी को सोनू सूद के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। जिसमें सोनू सूद पर जुहू में स्थित एक छह मंजिला आवासीय इमारत को बिना अनुमति के होटल में तब्दील करने का आरोप लगा है। बीएमसी ने पुलिस में दर्ज शिकायत में कहा है कि सोनू सूद के खिलाफ महाराष्ट्र रीजन ऐंड टाउन प्लानिंग एक्ट के तहत एक्शन लिया जाना चाहिए। साथ ही सोनू का ये एक्शन महाराष्ट्र रीजन ऐंड टाउन प्लानिंग एक्ट के सेक्शन 7 के तहत दंडनीय अपराध है।
इसके बाद BMC द्वारा की गई कार्रवाई के खिलाफ सोनू सूद अदालत पहुंच गए। सूद के वकील ने दावा किया कि 6 मंजिला शक्तिसागर भवन में कोई भी अनधिकृत काम नहीं किया गया है। बीएमसी अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल कर रही है।
BMC के इन आरोपों पर सोनू सूद ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी। जिसमें उन्होंने कहा कि,'मैंने पहले ही बीएमसी से यूजर बेंच के लिए परमिशन ले ली थी और अब हमें महाराष्ट्र कोस्टल जोन मैनेजमेंट अथॉरिटी से मंजूरी मिलने का इंतजार है।'
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