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नई दिल्ली: भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का कहना है कि शैक्षिक संस्थान केवल सीखने के स्थान भर नहीं हैं, यह वह स्थान है जो हम में से प्रत्येक में आंतरिक और कभी-कभी छुपी हुई प्रतिभा को निखारता है। वह रविवार को आईआईएम नागपुर के परिसर के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे। राष्ट्रपति ने कहा कि पाठ्यक्रम हमें आत्मनिरीक्षण करने, अपने उद्देश्य, महत्वाकांक्षा और अपने सपनों को पूरा करने का अवसर देता है। राष्ट्रपति ने कहा कि हम एक ऐसे युग में रह रहे हैं जहां नवाचार और उद्यमिता को सराहा और प्रोत्साहित किया जाता है। नवाचार और उद्यमिता दोनों में न केवल प्रौद्योगिकी के माध्यम से हमारे जीवन को आसान बनाने की क्षमता है बल्कि कई लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आईआईएम, नागपुर में इको-सिस्टम छात्रों में नौकरी तलाशने वाले के बजाय नौकरी देने वाले बनने की मानसिकता को बढ़ावा देगा।
राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आईआईएम, नागपुर ने अपने सेंटर फॉर एंटरप्रेन्योरशिप के माध्यम से आईआईएम नागपुर फाउंडेशन फॉर एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट (इनफेड) की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि बेहद गर्व की बात यह है कि इनफेड ने महिला उद्यमियों को महिला स्टार्ट-अप कार्यक्रम से स्नातक होने में सक्षम बनाया है और उनमें से छह ने अपने उद्यम भी शुरू किए हैं। इस तरह के कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण के लिए एक प्रभावी मंच प्रदान करते हैं। इस अवसर पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी उपस्थित रहे।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी परंपराओं ने हमेशा साझा करने पर जोर दिया है, खासकर ज्ञान के क्षेत्र में। इसलिए, हमने जो ज्ञान इकट्ठा किया है, उसे साझा करना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जिस तरह आईआईएम अहमदाबाद ने आईआईएम नागपुर को मेंटरशिप प्रदान की है, उसी तरह हमारे देश के प्रमुख व्यावसायिक स्कूल तकनीकी, प्रबंधन या मानविकी समान संस्थानों की स्थापना के लिए मेंटरशिप प्रदान करेंगे।
उन्होंने कहा कि ज्ञान के आदान-प्रदान से ज्ञान का अधिक से अधिक विकास होता है। उन्होंने पुणे, हैदराबाद और सिंगापुर में उपग्रह परिसरों की स्थापना की पहल करने के लिए आईआईएम, नागपुर को बधाई दी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ज्ञान, लोक कल्याण का माध्यम है। जैसा कि देश अमृत महोत्सव मनाता है, आईआईएम नागपुर के छात्रों को जिम्मेदारी लेने और समाज के लिए और अधिक जोश के साथ काम करने की संस्कृति को अपनाना चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आईआईएम नागपुर भारत को एक ज्ञान अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर करेगा।
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