नई दिल्ली (3 नवंबर): अब किसी को गली के कुत्ते कहने से पहले कई बार सोचना होगा...क्यों कि गली के कुत्ते कहलाये जाने वाली प्रजाति देसी नस्ल के कुत्तों को सेना में शामिल किया जा रहा है। अबतक सेना जर्मन शेफर्ड, लैब्राडोर्स और ग्रेट स्विस माउंटेन डॉग्स जैसे विदेशी नस्ल के डॉग्स का इस्तेमाल करती रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मेरठ में सेना की रीमाउंट ऐंड वेटरनेरी कोर सेंटर ने देसी नस्ल के 6 मुधोल शिकारी कुत्तों की ट्रेनिंग को तकरीबन पूरा कर लिया है और इन्हें इस साल के अंत में सेना में शामिल कर लिया जाएगा। इन शिकारी कुत्तों की पहली तैनाती जम्मू और कश्मीर में की जा सकती है।