नई दिल्लीः कोरोना वायरस (Corona Virus) की रफ्तार भारत में धीमी जरूर हुई, लेकिन खतरा अभी भी बरकरार है। देशभर में कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण के कहस से अब तक करीब 1 लाख हजार लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। कोरोना से मौत के बाद एक ऐसा मामला सामना आया है, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। मामला तेलंगाना की राजधानी हैरदाबाद का है, जहां कोरोना से पति की मौत के बाद दुखी होकर महिला ने भी बिल्डिंग से छलांग लगाकर जान दे दी है। स्थानीय प्रशासन की तरफ से इस संबंध में लापरवाही का मामला सामने आया है। महिला के शव को काफी देर बाद रात में हटाया गया, लेकिन पति का शव करीब घंटे तक वैसे ही पड़ा रहा, जिसे करीब 20 घंटे बाद हटाया गया है।
सैनिकपुरी की अंबेडकर कॉलोनी में रहने वाले 55 वर्षीय वेंकटेश पिछले सप्ताह कोरोना संक्रमित हुए थे। वह कुछ अन्य बीमारियों से भी संक्रमित थे। गुरुवार को उन्होंने दम तोड़ दिया। वह एक कंस्ट्रक्शन साइट पर सुपरवाइजर थे। उनकी मौत की गम में पत्नी धनलक्ष्मी (50) ने उसी दिन अपार्टमेंट के तीसरे फ्लोर से कूदकर जान दे दी। नालगोंडा के रहने वाले इस कपल के कोई संतान नहीं थी। पास में ही रहने वाले श्रीधर राव ने बताया, 'महिला ने 4 बजे सूइसाइड किया। घटना के बाद पुलिस आ तो गई, लेकिन महिला का शव ले जाने के लिए एंबुलेंस रात के 10 बजे आई। लोगों की भीड़ लग गई, जिसके लिए हम स्थानीय लोगों को स्थिति संभालना पड़ा।
लोगों के अनुसार वेंकटेश की बॉडी को ले जाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। नगर निगम के अधिकारियों से मदद मिलने में काफी देरी हुई। पीड़ित के फ्लैट के सामने रहने वाले श्रीधर बाबू ने बताया, 'प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर पुलिस तक मृतक के शरीर को हाथ लगाने से घबरा रही थी। अगले दिन साढ़े 11 बजे दिन में बॉडी को गांधी हॉस्पिटल ले जाया गया। इस दौरान बॉडी को सही से नहीं ढकने और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने का आरोप भी लगा। हालांकि SI राघवेंद्र रेड्डी ने इस बात का खंडन करते हुए बताया कि स्थानीय लोग खुद डरे हुए थे। उन्होंने पंचनामा तक साइन नहीं किया।
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