नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों कृषि कानून के खिलाफ 38 दिन से किसानों का आंदोलन जारी है। भारी आंदोलन के बीच केंद्र सरकार और किसान संगठनों में 6 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है। किसानों की सरकार से यही मांग है कि वह तीनों कानूनों को रद्द करे नहीं तो धरना जारी रहेगा। 4 जनवरी या सोमवार को किसान नेताओं और सरकार के बीच बातचीत होनी है। सरकार के साथ होने वाली बातचीत से पहले एक बुरी खबर सामने आई है, जहां एक किसान ने शौचालय में फांसी लगाकर जान दे दी है।
जानकारी के अनुसार नगर निगम की ओर से लगवाए गए मोबाइल शौचालय में एक बुजुर्ग किसान ने आत्महत्या कर ली। मृतक किसान का नाम कश्मीर सिंह है। 75 साल के कश्मीर यूपी के रामपुर जिले की बिलासपुर तहसील इलाके के निवासी बताए जा रहे हैं। कश्मीर सिंह का सुसाइड नोट भी मिला है। उन्होंने सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा है कि जहां उनकी मौत हुई है, वहीं उनका पोता अंतिम संस्कार करे। उनकी अंत्येष्टि दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर ही हो।
किसान कश्मीर ने अपनी आत्महत्या के लिए सरकार को जिम्मेदार बताते हुए लिखा है कि आखिर हम कब तक यहां सर्दी में बैठे रहेंगे। सरकार को फेल बताते हुए किसान ने कहा है कि यह सरकार सुन नहीं रही है इसलिए अपनी जान देकर जा रहा हूं जिससे कोई हल निकल सके। भारतीय किसान यूनियन प्रदेश महासचिव बिजेंद्र यादव के मुताबिक उनके ऊपर जिम्मेदारी अब और बढ़ गई है कि आंदोलनरत किसानों की मांगें सरकार से मनवाई जाएं।
यादव ने कहा कि एक दिन पहले भी ठंड लगने की वजह से एक किसान की मौत हो गई थी। इसके एक दिन बाद ही किसान कश्मीर सिंह ने सुसाइड कर लिया। उनके अनुसार मृतक किसान सरकार की नीतियों से नाराज था। यादव ने कहा कि कश्मीर सिंह का बेटा और पोता भी किसान आंदोलन में शामिल है। मृतक किसान का सुसाइड नोट पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है।
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