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News24
कोरबा: साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के द्वारा छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले की खदानों में की जा रही हैवी ब्लास्टिंग से आसपास के इलाके में कई प्रकार की समस्याएं निर्मित हो गई हैं। हर दिन टूट-फूट की घटनाएं हो रही हैं। हरदी बाजार से लेकर आसपास के इलाके में लगातार हो रही घटनाओं से लोग आक्रोशित हैं। नाराज लोगों ने कहां है कि एसईसीएल की मनमानी रोकने के लिए जल्द ही आंदोलन का मन बना रही है।
मलगांव, अमगांव, सराईसिंगार हरदी बाजार से लेकर आसपास के उन सभी इलाकों में हैवी ब्लास्टिंग के कारण परेशानी पैदा हो रही है जो खदानों के नजदीक मौजूद हैं। बीते वर्षों में ऐसी सेल की खदानों का दायरा बढ़ाते हुए रिहायशी क्षेत्रों के पास तक पहुंच गया है। कोयला खनन करने के लिए ओपन कास्ट माइंस में प्रतिदिन एसईसीएल के द्वारा हैवी ब्लास्टिंग की जा रही हैं। हाल में ही यहां ऐसी कोशिश के कारण पूरन लाल जायसवाल के घर का बुरा हाल हो गया। घर की दीवारों में कई जगह बड़ी-बड़ी दरारें आ गईं। इसी के साथ घर के सामने के हिस्से में मौजूद कई वर्ष पुराने मंदिर का छज्जा भी ब्लास्टिंग के प्रभाव से क्षतिग्रस्त हो गया।
जायसवाल ने बताया कि उन्होंने पानी की उपलब्धता के लिए पीछे के हिस्से में बोर कराया हुआ था जो काफी नीचे चला गया है। इसी इलाके में निवासरत एक महिला भी हैवी ब्लास्टिंग के प्रभाव से दुखी हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह की घटनाओं के कारण यहां का जलस्तर काफी हद तक प्रभावित हुआ है और कई घरों के बोरवेल धस गए हैं कई प्रकार के खतरे बने हुए हैं।
कोल इंडिया के लाभकारी कंपनी एसईसीएल के ऊपर उत्पादन बढ़ाने का दबाव काफी समय से बना हुआ है। लगातार कंपनी को नए लक्ष्य दिए जा रहे हैं और नए संसाधनों के लिए भारी-भरकम धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है। इन सबके बीच अब जोर शोर से कोयला खनन का काम कंपनी कोरबा जिले के गेवरा दीपका सहित अन्य क्षेत्रों में कर रहे हैं।
इस दौरान कंपनी को केवल उत्पादन से मतलब रह गया है। खनन प्रक्रिया के कारण आसपास के इलाके में क्या कुछ नुकसान हो रहा है और लोगों के सामने क्या कुछ चुनौतियां पेश आ रही हैं इससे अधिकारी पूरी तरह बेखबर हैं। कहीं ऐसा ना हो की बार-बार की समस्याओं से परेशान होकर लोग उत्पादन पर ब्रेक लगाने के लिए मानसिक रूप से तैयार ना हो जाए। इससे पहले प्रबंधन को उचित समाधान तलाशने के लिए काम करना होगा।
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