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कांकेर: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में वन संरक्षक कार्यालय के सामने कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं। लिपिकों की हड़ताल से विभागीय कामकाज प्रभावित हैं। वन लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ ने 2019 में 17 दिनों तक अनिश्चितकालीन हड़ताल किया था। इसके बाद 2020 से कोरोना संक्रमण व लॉकडाउन के कारण हड़ताल नहीं कर पाए। अब कोरोना को लेकर हालात सामान्य हो चुके हैं तो संघ ने एक बार फिर हड़ताल शुरू कर दी है।
संघ की 10 सूत्रीय मांगों में से चार प्रमुख हैं। पहली मांग छत्तीसगढ़ तृतीय श्रेणी लिपिक वन सेवा भर्ती नियम को अधतन करते लेखापाल के 317 पदों को सहायक ग्रेड 1 एवं सहायक ग्रेड 1 के 78 पदों को लेखा अधीक्षक के पद में समाहित करने संबंधी प्रस्ताव को वित्त विभाग से सहमति दिलाई जाए। दूसरी मांग छत्तीसगढ़ राज्य के राजस्व विभाग की भांति अधीक्षक पद को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा दिया जाए और वन विभाग के अंतर्गत कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटरओं का पदोन्नति चैनल लागू करें।
छत्तीसगढ़ राज्य के अन्य विभागों की भांति वन विभाग में भी लिपिक कर्मचारियों के लिए विभागीय परीक्षाओं का आयोजन हो जिससे 1 लिपिक वर्गीय कर्मचारी भी राजपत्रित उच्च पदों पर पदस्थ हो सके साथ ही अन्य और मांगें रखी गई हैं।
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