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नई दिल्ली: कांग्रेस के लिए पंजाब में परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं कि अब छत्तीसगढ़ में जोर आजमाइश का खेल शुरू हो गया है। मिली जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कई विधायक पार्टी प्रभारी पीएल पुनिया से मुलाकात करने दिल्ली पहुंच गए हैं और उन्होंने राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा है।
राहुल गांधी के राज्य के दौरे से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ एकजुटता दिखाने के लिए करीब एक दर्जन विधायक बुधवार को दिल्ली पहुंचे। विधायक का कहना है कि वे राहुल गांधी से उनके निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करने का अनुरोध करने आए हैं।
बघेल के वफादारों में से एक बृहस्पति सिंह ने कहा कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि सभी विधायक मुख्यमंत्री के साथ हैं।
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छत्तीसगढ़ में बारी-बारी से मुख्यमंत्री बनने की चर्चा के बीच विधायक दिल्ली आए हैं, क्योंकि राहुल गांधी का दौरा राज्य में कांग्रेस की राजनीति का भविष्य तय करेगा। अभी तक दोनों खेमों- मुख्यमंत्री बघेल के नेतृत्व में और दूसरा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के नेतृत्व में संस्पेंस बना हुआ है।
राज्य कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा था कि पार्टी राहुल गांधी के सरगुजा और बस्तर के दौरे की तैयारी में व्यस्त है। दोनों आदिवासी बेल्ट, और सरगुजा भी टीएस सिंहदेव का मजबूत गढ़ माना जाता है। मरकाम ने कहा था कि वह राज्य में संगठन के प्रमुख हैं और किसी खेमे से ताल्लुक नहीं रखते हैं।
हालांकि, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के दौरे की तारीखें अभी तय नहीं हुई हैं, लेकिन अक्टूबर के दूसरे सप्ताह की शुरुआत में वह जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के 2.5 साल पूरे होने के बाद से सिंहदेव के समर्थक मुख्यमंत्री पद में बदलाव का दबाव बना रहे हैं। रोटेशनल मुख्यमंत्री के मुद्दे पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है क्योंकि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से कोई स्पष्टता नहीं है।
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