मनीष कुमार, नई दिल्ली: एक बार फिर महंगाई डॉयन ने लोगों की जेबों पर डाका डालना शुरु कर दिया है। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी किये गये थोक मुल्य आधारित महंगाई दर के आंकड़े के मुताबिक सितम्बर महीने में होलसेल महंगाई दर में भारी उछाल देखने को मिला है।
इस आंकड़े के मुताबिक सितम्बर महीने में थोक मूल्य आधारित महंगाई दर 1.32 फीसदी पर जा पहुंचा है जबकि अगस्त में महंगाई दर 0.16 फीसदी था। यानि लगभग 1.16 फीसदी अंकों का उछाल। खाने पीने की चीजों के होलसेल दामों में बढ़ोतरी की वजह से महंगाई दर में उछाल देखने को मिल रहा।
इस दौरान खासतौर से आलू, टमाटर, दाल, साग-सब्जी और अंडा, मीट और मछली की कीमतों में उछाल देखने के मिला है। सितम्बर महीने में थोक मूल्य आधारित खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 6.92 फीसदी पर जा पहुचा है जबकि अगस्त में 4.07 फीसदी था।
एनएसओ की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक सितंबर में खुदरा महंगाई 7.34 फीसदी पर पहुंच गई, जो कि जनवरी के बाद इसका सबसे ऊंचा स्तर है। आम आदमी के लिए ये एक बड़ा झटका है। सितंबर में खुदरा महंगाई बढ़ने के पीछे बड़ा कारण कुछ खाद्य उत्पादों की कीमतों में तेज वृद्धि होना है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार खाद्य वस्तुओं की महंगाई 8.17 प्रतिशत रही, जबकि अगस्त में यह 3.84 प्रतिशत थी। समीक्षाधीन अवधि में अनाज की कीमतों में गिरावट आई, जबकि दालें महंगी हुईं।
अगस्त में 9.05 प्रतिशत की तुलना में खाद्य मुद्रास्फीति पिछले महीने 10.68 प्रतिशत दर्ज की गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में 6.69 प्रतिशत थी।
आपको बता दें आरबीआई ने मनीटरी पॉलिसी जारी किया था तो उसमें साफतौर पर कहा था कि आने वाले दिनों में महंगाई दर के बढ़ने का खतरा है। और उद्योगजगत के मांगों के बावजूद आरबीआई ने इस खतरे को भांपते हुये ब्याज दर में कमी नहीं की। और इसी प्रकार महंगाई दर में उछाल देखने को मिलता रहा तो सस्ते कर्ज की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है।
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