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News24
नई दिल्ली: ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी के इस्तीफे के बाद भारतीय मूल के पराग अग्रवाल ने उनकी जगह ले ली है। ज़ाहिर तौर पर दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स में शुमार कंपनी की कमान किसी भारतीय मूल के व्यक्ति के हाथ में आने से पूरा देश गर्व की अनुभूती कर रहा है।
लेकिन ये पहली बार नहीं है जब भारत से ताल्लुक रखने वाले किसी व्यक्ति को एक बड़ी मल्टी-नेशनल कंपनी चलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। खासतौर पर टेक्नोलॉजी सेक्टर की बात करें तो, इस क्षेत्र में ऐसी कंपनियों की लंबी फेहरिस्त है जिन्हें भारतीय मूल के व्यक्ति संभालते हैं।
आइए जानते हैं पराग अग्रवाल जैसे 10 भारतीयों (मूल) के बारे में, जो विदेशी कंपनियों में बड़े ओहदे पर हैं।
1- सुंदर पिचाई (Sunder Pichai)
भारत से आने वाले सुंदर पिचाई का नाम पूरी दुनिया में शायद ही किसी के लिए नया हो। ग़ौरतलब है कि पिचाई दुनियाभर में सबसे बड़े सर्च इंजन माने जाने वाले गूगल की पैरेंटल कंपनी अल्फाबेट के सीईओ हैं। मद्रास के एक सामान्य परिवार में जन्मे पिचई ने आईआईटी खड़गपुर से मेटालर्जिकल इंजीनियरिंग की शिक्षा हासिल की है। उनकी मां, लक्ष्मी, एक आशुलिपिक, और उनके पिता, रेगुनाथा पिचाई, जीईसी में सामान्य आय वाले एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे।
बाद में पिचाई ने स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी से मटीरियल्स साइंस और इंजीनियरिंग में एमएस की डिग्री हासिल की। बताया जाता है कि पिचाई अमेरिका के लिए हवाई जहाज का किराया नहीं दे सकता था! ऐसे में उनके पिता ने अपनी एक साल की तनख्वाह उनकी फ्लाइट के टिकट पर खर्च कर दी ताकि वे स्टैनफोर्ड में पढ़ सकें और यह पहली बार था जब सुंदर विमान में बैठे थे। बाद में पिचाई ने वॉटसन स्कूल ऑफ द यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया से एमबीए किया हुआ है। वे 2004 में गूगल से जुड़े थे। उसके बाद उन्होंने कभी पलटकर नहीं देखा।
2. सत्या नडेला (satya nadella)
1967 में हैदराबाद में एक तेलुगु भाषी परिवार में जन्मे, सत्यनारायण के पिता बुक्कापुरम नडेला युगंधर एक IAS अधिकारी थे और उनकी मां प्रभावती एक संस्कृत व्याख्याता थीं। बेगमपेट में हैदराबाद पब्लिक स्कूल में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, सत्या ने अपनी इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। हालांकि पिचाई की तरह उन्होंने आईआईटी में भाग नहीं लिया, लेकिन कर्नाटक में मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी गए, जहां से उन्होंने 1988 में स्नातक किया। चूंकि उन्हें शुरू से ही कंप्यूटर में विशेष रुची थी, इसलिए उन्होंने कंप्यूटर विज्ञान में एमएस का अध्ययन करने के लिए अमेरिका की यात्रा की।
इस मामले में पिचाई की तुलना में नडेला को खुशकिस्मत माना जा सकता है कि उन्हें अमेरिका जाने के लिए ज्यादा मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ा। उन्होंने पहले विस्कॉन्सिन-मिल्वौकी विश्वविद्यालय से एमएस और फिर 1997 में यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए की डिग्री हासिल की।
फरवरी 2014 में, सत्य नडेला को माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ के तौर पर नियुक्त किया गया। भारतीय अमेरिकी सत्य नडेला, ग्लोबल बिजनेस सस्टेनेबिलिटी लीडरशिप के लिए इस साल के प्रतिष्ठित सी के प्रहलाद पुरस्कार प्राप्त करने वाले कॉर्पोरेट दिग्गजों में से हैं।
3- अरविंद कृष्णा (Arvind Krishna)
अरविंद कृष्णा का जन्म 1962 में आंध्र क्षेत्र के पश्चिम गोदावरी जिले में एक तेलुगु भाषी परिवार हुआ था। अरविंद के पिता, मेजर जनरल विनोद कृष्ण अपने बेटे को संस्कारी परवरिश देना चाहते थे। उस समय अरविंद की मां, आरती कृष्णा एक गृहिणी थी। अपने पिता के साथ अलग-अलग शहरों में रहते हुए अरविंद ने अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा कुन्नूर के स्टेन्स एंग्लो इंडियन हायर सेकेंडरी स्कूल से की और अपनी स्कूली शिक्षा सेंट जोसेफ अकादमी, देहरादून से पूरी की। और फिर, उन्होंने 1985 में IIT, कानपुर IIT से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की।
इसके बाद कृष्णा अमेरिका पहुंचे, जहां 1991 में उन्होंने अर्बाना-शैंपेन में इलिनोइस विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी पूरी की। आईआईटी से इलिनोइस तक हर संस्थान में उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
अरविंद कृष्णा को जनवरी 2020 में अमेरिका की दिग्गज आईटी कंपनी आईबीएम के चीफ़ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के तौर पर नामित किया गया था। भारतीय मूल के कृष्णा ने तब वर्जीनिया रोमेट्टी का स्थान लिया था। 59 वर्षीय अरविंद कृष्णा 1990 में आईबीएम में शामिल हुए थे।
4- शांतनु नारायण (Shantanu Narayan)
हैदराबाद के बेगमपेट क्षेत्र में स्थित, हैदराबाद पब्लिक स्कूल के नाम दुनियाभर में एक से अधिक दिग्गज़ कंपनियों के सीईओ देने का गौरव हासिल है। इनमें से एक हैं सत्या नडेला और दूसरे हैं शांतनु नारायण, जिन्होंने आगे चलकर Adobe Inc. का नेतृत्व किया।
शांतनु नारायण भी हैदराबाद में एक तेलुगु-भाषी परिवार में जन्मे। वे एक अमेरिकी साहित्य शिक्षिका और एक प्लास्टिक कंपनी चलाने वाले पिता के दूसरे बेटे हैं। हैदराबाद पब्लिक स्कूल से निकलने के बाद, शांतनु ने हैदराबाद के ही उस्मानिया विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया। उन्होंने 1986 में ओहियो में बॉलिंग ग्रीन स्टेट यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल करने के लिए अमेरिका जाने से पहले इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 1993 में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले के हास स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए करने के बाद शांतनु ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
शांतनु नारायण को दिसंबर 2007 में Adobe Inc के सीईओ के रूप में नियुक्त किए गए। इससे पहले, वह 2005 से कंपनी के प्रेसिडेंट और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर थे। 2019 में, उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। नारायण ने एपल के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके अलावा उन्होंने फार्मा कंपनी फाइजर में भी अहम भूमिका निभाई थी।
5- थॉमस कुरियन (Thomas Kurian)
थॉमस कुरियन का जन्म केरल में हुआ था। गूगल के क्लाउड सेक्शन के चीफ थॉमस कुरियन ने एमबीए की डिग्री के बाद न्यूयॉर्क में मैकिन्जी एंड कंपनी के साथ करियर की शुरुआत की थी।
उनकी स्कूलिंग बेंगलुरु से हुई और उन्होंने आईआईटी मद्रास से इंजीनियरिंग पूरी की। 17 साल की उम्र में ही वह अपने भाई जॉर्ज कुरियन के साथ अमेरिका जाकर बस गए थे।
6- जॉर्ज कुरियन (George Kurian)
थॉमस कुरियन ही तरह उनके भाई जॉर्ज कुरियन टेक सेक्टर के एक जाने माने नाम हैं। इस समय वे नेटएप कंपनी के सीईओ हैं। वे जून 2015 में नेटएप ज्वाइन किया था। नेटएप में आने से पहले जॉर्ज कुरियन सिस्को सिस्टम्स के जनरल मैनेजर पद पर जिम्मेदारी संभालते थे।
भाई जॉर्ज कुरियन की ही तरह उनकी स्कूलिंग भी बेंगलुरु में हुई थी और फिर उन्होंने भी आईआईटी मद्रास से डिग्री हासिल की। जैसा कि हमने ऊपर बताया जॉर्ज कुरियन अपने भाई थॉमस कुरियन की ही तरह कम उम्र में ही अमेरिका शिफ्ट हो गए थे।
7- जयश्री उल्लाल (Jayshree Ullal)
भारतीय मूल की जयश्री उल्लाल लंदन में पैदा हुई और नई दिल्ली में पली-बढ़ीं। 2008 में जयश्री उल्लाल को क्लाउड नेटवर्किंग कंपनी अरिस्ता नेटवर्क्स की कमान सौंपी गई। तभी से वे इस कंपनी में सीईओ का पद संभाल रही हैं।
अरिस्ता नेटवर्क्स डेटा सेंटर में 10/25/40/50/100 गीगाबिट इथरनेट नेटवर्किंग लगाती है। उन्होंने सैन फ्रैंसिस्को स्टेट यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की है। फोर्ब्स ने तो उन्हें दुनिया के 5 सबसे प्रभावशाली लोगों में भी शामिल किया था।
8- निकेश अरोड़ा (Nikesh Arora)
जन्मे निकेश अरोड़ा का जन्म 9 फरवरी 1968 को उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में हुआ था। उनके पिता इंडियन एयरफोर्स में ऑफिस थे और यही कारण था कि अरोड़ा की स्कूली शिक्षा दिल्ली के ही एयरफोर्स स्कूल से पूरी हुई। इसके बाद उन्होंने 1989 में बीएचयू में दाखिला लिया और आईआईटी से इलेक्ट्रिकल इंजिनियरिंग की।
इस समय अरोड़ा यूएस बेस्ड साइबर सुरक्षा कंपनी पालो अल्टो नेटवर्क्स के सीईओ हैं। इससे पहले उन्होंने सॉफ्टबैक और गूगल में भी काम किया था। अरोड़ा ने यूएस की बोस्टन नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी से एमबीए किया था। उसके बाद चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट की पढ़ाई की।
9- राजीव सूरी (Rajeev Suri)
भारतीय मूल के राजीव सूरी गैजेट्स निर्माता कंपनी नोकिया के सीईओ रह चुके हैं। इससे पहले वह नोकिया सॉल्यूशंस के सीईओ थे। इससे पहले वह नोकिया में कई अहम पद संभाल चुके हैं। मौजूदा समय में राजीव सूरी Inmarsat के सीईओ हैं, जो एक ब्रिटिश मोबाइल सैटेलाइट कंपनी है।
राजीव सूरी का जन्म नई दिल्ली में हुआ था, इसके बाद वह कुवैत चले गए। भारतीय मूल के सूरी इस समय सिंगापुर के नागरिक हैं। उन्होंने मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशंस में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है।
10- संजय झा (Sanjay Jha)
संजय झा इस समय ग्लोबल फाउंडरीज कंपनी के सीईओ हैं। वे 2014 में इस कंपनी ज्वाइन की थी। यह कंपनी सेमीकंडक्टर बनाने का काम करती है।
इस कंपनी में एमएमडी, ब्रॉककॉम, क्वालकॉम और एसटीमाइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स के लिए चिप बनाई जाती हैं। इससे पहले वह मोटोरोला मोबिलिटी के सीईओ रह चुके हैं। क्वालकॉम में भी वह सीओओ के पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
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