प्रशांत देव, नई दिल्ली: चीनी वायरस कोरोना महामारी का मार दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर पड़ी है। कोरोना संकट और इसके संक्रमण से बचाव के किए गए लॉकडाउन की मार देश की अर्थव्यवस्था पर जबरदस्त रूप से पड़ी है। देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार पर कोरोना का ब्रेक लग गया है। हालांकि एक बार फिर धीरे-धीरे देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटने लगी है। इस बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने दुनिया की अर्थव्यवस्था को लेकर अनुमान जाहिर किया है।
आईएमएफ (IMF) के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था में चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 10.3 फीसदी की गिरावट हो सकती है। आईएमएफ ने कहा है कि पहली तिमाही के नतीजों ने भारत की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर डाला है। ऐसा लगता है कि आने वाले दिनों में अभी इसकी मुश्किलें कम नहीं होने वाली हैं। इसी के साथ आईएमएफ ने एक और अनुमान जताया है कि अगले वित्तीय वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था में शायद 8.8 फीसदी गति से बढ़े और यह दुनिया की सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था फिर से बन जाए। इस दौरान चीन की 8.2 फीसदी की दर से बढ़ सकती है।
अगर आईएमएफ का यह अनुमान सही साबित हुआ तो प्रति व्यक्ति जीडीपी के मामले में भारत बांग्लादेश से नीचे चला जाएगा। आईएमएफ की रिपोर्ट World Economic Outlook के मुताबिक 31 मार्च, 2021 को खत्म हो रहे इस वित्त वर्ष के दौरान भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 10.3 फीसदी की गिरावट के साथ 1877 डॉलर रह जाएगी। आईएमएफ की रिपोर्ट के मुताबिक पड़ोसी बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति जीडीपी 2020 में 4 फीसदी बढ़कर 1,888 डॉलर पहुंचने का अनुमान है।
बीते 4 सालों में प्रति व्यक्ति जीडीपी के मामले में यह भारत का सबसे कमजोर प्रदर्शन होगा। दोनों देशों की संभावित जीडीपी का यह अनुमान मौजूदा आंकड़ों के आधार पर जताया गया है। यदि ऐसा होता है तो प्रति व्यक्ति जीडीपी के मामरे में भारत दक्षिण एशिया में सिर्फ पाकिस्तान और नेपाल से ही होगा।
आईएमएफ ने इस रिपोर्ट में बताया है कि चालू वित्तीय वर्ष में दुनिया में जहां 4.4 फीसदी की गिरावट आएगी वहीं केवल चीन ही एकमात्र देश होगा, जिसकी जीडीपी 1.9 फीसदी बढ़ सकती है।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.