नई दिल्ली: करोड़ों कर्मचारियों की सेलेरी में से रिटायरमेंट के लिए दिए जाने वाले योगदान कर्मचारी भविष्य निधि पर रिटायरमेंट फंड बॉडी ईपीएफओ (EPFO) ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 8.5 फीसदी सालाना ब्याज दर देने का फैसला किया है। कहा जा रहा है कि यह ब्याज दर पिछले 7 साल में सबसे कम है। कर्मचारी हर महीने ईपीएफ में योगदान करते हैं, जो एक रिटायरमेंट बेनेफिट स्कीम है। एक कर्मचारी अपने वेतन का 12 फीसदी ईपीएफ में योगदान देता है। कर्मचारी के खाते में नियोक्ता/कंपनी भी बराबर राशि 8.33% EPS के लिए और 3.67% EPF का योगदान देते हैं। ईपीएफ के लिए सैलरी की अधिकतम सीमा अभी 15,000 रुपये प्रति माह है। इसलिए ईपीएस में अधिकतम योगदान 1250 रुपये प्रति माह ही तय है।
अगर आप भी नौकरीपेशा हैं तो आप समय समय पर यह जरूर जानना चाहेंगे कि आपके ईपीएफ खाते में कितना बैलेंस है और इस बैलेंस पर ब्याज कैसे कैलकुलेट किया जाता है। ईपीएफ ब्याज की गणना हर महीने की जाती है, लेकिन ब्याज की रकम आपके खाते में वित्त वर्ष के अंत में ही जमा की जाती है। ईपीएफ में किए गए योगदान पर पीपीएफ जैसी सॉवरेन गारंटी वाले निश्चित आय ऑप्शन के मुकाबले अधिक ब्याज मिलता है।
ऐसे निकाला जा सकता है ब्याज
EPF ब्याज की कैलकुलेशन हर महीने की जाती है, लेकिन वित्त वर्ष के अंत में इसे खाते में जमा किया जाता है। आप इस उदाहरण से पूरा कैलकुलेशन समझ सकते हैं।
बेसिक सैलरी + महंगाई भत्ता = 15,000 रुपये
EPF खाते में कर्मचारी का योगदान = 15,000 रु का 12% = 1800 रु
EPS खाते में नियोक्ता/कंपनी का योगदान = 15,000 रु का 8.33% = 1250 रु
EPF खाते में नियोक्ता/ कंपनी का योगदान = EPS खाते में कर्मचारी का योगदान – नियोक्ता/ कंपनी का योगदान = 550 रु
हर महीने कुल EPF योगदान = 1800 रु + 550 रु = 2350 रु
वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज दर 8.5 फीसदी है
प्रति माह लागू ब्याज = 8.5%/ 12 = 0.7083%
उदाहरण के तौर पर कर्मचारी ने 1 अप्रैल 2019 को नौकरी जॉइन की है, ऐसे में 1 अप्रैल से वित्तीय वर्ष 2019–20 के लिए योगदान शुरू हो जाता है।
अप्रैल के लिए कुल EPF योगदान = 2350 रुपए
अप्रैल के लिए EPF योगदान पर ब्याज = शून्य (पहले महीने के लिए कोई ब्याज नहीं)
अप्रैल के अंत में EPF अकाउंट में बैलेंस = 2350 रुपये
मई के लिए कुल EPF योगदान = 2,350 रुपये
मई में बैलेंस = 4700 रुपये
मई के लिए EPF पर ब्याज = 4700 * 0. 7083% = 33.29 रुपये
(नोट: ब्याज हर महीने कैलकुलेट होता है, लेकिन इसे वित्त वर्ष के अंत में यानी 31 मार्च को खाते में जमा किया जाता है)
EPF का ब्याज ऐसी स्थिति में नहीं मिलता, जब ईपीएफ सब्सक्राइबर स्थायी रूप से देश छोड़कर विदेश में जाकर बस जाता है। साथ ही नौकरी की अवधि खत्म हो जाने के बाद अगर 36 महीनों तक ईपीएफ के लिए कोई क्लेम नहीं आता है। वहीं, जब ईपीएफ सब्सक्राइबर 55 साल की उम्र के बाद अपनी नौकरी से रिटायर हो जाता है या फिर जब ईपीएफ सब्सक्राइबर की डेथ हो जाती है।
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