प्रशांत देव, नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बैंकों के अधिकारियों और NBFCs के साथ आज एक अहम बैठक होने वाली हैं। यह बैठक इसलिए भी अहम है क्योंकि 31 अगस्त को मोरेटोरियम के खत्म होने के बाद हो रही है। इस बैठक में कई मुद्दों को लेकर चर्चा हो सकती है। हालांकि मोरेटोरियम को लेकर इस बैठक में चर्चा होगी या नहीं, इस पर अभी तस्वीर साफ नहीं है। लेकिन वन टाइम रीस्ट्रक्चरिंग पर बात होने की पूरी उम्मीद है। कोरोना संकट काल के दौरान सरकार ने कारोबारियों से लेकर आम आदमी तक को कई राहतों का ऐलान किया था। इन ऐलानों के बाद बैंकों की ओर से कर्ज मुहैया कराया गया।
इससे वित्त मंत्रालय ने रविवार को जारी बयान में कहा कि यह समीक्षा बैठक कारोबारियों और व्यक्तिगत कर्जधारकों को पूंजी संकट से बचाने के लिए की जा रही है। इसमें नीतियों का अंतिम प्रारूप बनाने और बैंकों में इसे सही तरीके से लागू करने, योग्य कर्जधारकों की पहचान करने के अलावा योजना को तेज और समग्र रूप से लागू करने पर चर्चा की जाएगी।
साथ ही बैंकों और एनबीएफसी के शीर्ष प्रबंधन के साथ वित्तमंत्री कोविड-19 संबंधी जोखिम वाले कर्ज के समाधान ढांचे और इसके बेहतर क्रियान्वयन पर भी बातचीत करेंगी। रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद बैंकों को कॉरपोरेट और खुदरा कर्ज के पुनर्गठन की मंजूरी दी थी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत शुरू की गई स्कीमों की समीक्षा कर सकती हैं। इसके अलावा बैंकों के क्रेडिट हेल्थ की भी समीक्षा की जाएगी। आपको बता दें कि सरकार ने लॉकडाउन के दौरान आर्थिक संकट झेल रहे MSMEs, छोटे कारोबारियों की मदद के लिए कई स्कीम्स का ऐलान किया था। इन स्कीम्स से कितना फायदा हुआ, आगे का रोडमैप क्या होना चाहिए, इस बैठक का अहम मुद्दा होगा।
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