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नई दिल्ली: भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य कुछ ठीक नहीं लग रहा है। क्रिप्टो को लेकर आने वाले बजट में कुछ ऐलान हो सकता है। कहा जा रहा है कि सरकार क्रिप्टो पर नया बिल पेश करेगी। लेकिन इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। दूसरी और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपनी सख्ती दिखा रहा है। आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी को बेशक अभी सरकारी मान्यता नहीं मिली है लेकिन सरकार इससे होने वाली कमाई पर टैक्स वसूलने की पूरी तैयारी में है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में क्रिप्टोकरेंसी के विज्ञापन पर निकेल कसने की तैयारी है। इसे लेकर क्रिप्टो एक्सचेंज और भारतीय विज्ञापन मानक परिषद के बीच लगातार बातचीत चल रही है। इस बातचीत में सरकार भी शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक जल्द ही क्रिप्टोकरेंसी के विज्ञापनों को लेकर बनाई जाने वाली गाइडलाइंस का फाइनल ड्राफ्ट तैयार कर लिया जाएगा। बताया जा रहा है कि ये गाइडलाइंस क्रिप्टो एक्सचेंज के साथ मिलकर बनाई जाएगी। क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए क्रिप्टो विज्ञापन में डिस्क्लेमर देना अनिवार्य होगा।
क्रिप्टो विज्ञापन में एक्सचेंजों को ये बताना होगा कि क्रिप्टोकरेंसी में तेज उतार-चढ़ाव होता है। इतना ही नहीं, क्रिप्टो एक्सचेंज अपने विज्ञापन में क्रिप्टोकरेंसी से मिलने वाले रिटर्न की बात नहीं करेंगे। क्रिप्टो एक्सचेंज को अपने विज्ञापन के डिस्क्लेमर में ये बताना होगा कि क्रिप्टोकरेंसी भारत में अभी भी लीगल टेंडर नहीं है और इस पर सरकार के नियम-कानून आने बाकी हैं।
कहा जा रहा है कि कोई क्रिप्टो एक्सचेंज अखबारों में प्रचार करता है तो उन्हें 20 फीसदी जगह में डिस्क्लेमर देना होगा। जबकि टीवी पर प्रचार करते हुए कुछ सेकेंड डिस्क्लेमर के लिए रिजर्व रखना होगा। क्रिप्टो एक्सचेंज को डिस्क्लेमर इस तरह से तैयार होगा जिसे आसानी से पढ़ा, सुना और देखा जा सके।
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