नई दिल्ली: आए दिन एटीएम (ATM) कार्ड क्लोनिंग और फर्जी तरीके से बैंक अकाउंट में से पैसे कटने की खबरें आती रहती हैं। भारत में इस तरह के साइबर मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां तक कि कार्ड यूजर के पास में होता है, फिर भी उसके पास एटीएम से पैसे कटने का मैसेज आ जाता है। तेजी से बढ़ रहे ऐसे मामलों ने बैंक में पैसे की असुरक्षा की भावना को भी बढ़ा दिया है। इन मामलों से निजात पाने के लिए स्टेट बैंक आफ इंडिया (SBI) बड़ा कदम उठाने जा रही है।
अब 18 सितंबर से एसबीआई के ग्राहकों को 10 हजार रुपए से ऊपर पैसे निकालने पर वन टाइम पासवर्ड यानी ओटीपी (OTP) डालना होगा। ग्राहकों को यह ओटीपी उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा। जिसे डालने के बाद ही ग्राहक एटीएम से रुपए निकाल पाएंगे। खास बात यह है कि यह सुविधा किसी भी समय में निकाले जाने वाले पैसे पर मिलेगी। यानी दिन या रात किसी भी समय आप रुपए निकालेंगे, तो आपको ओटीपी डालना जरूरी होगा।
जनवरी में एसबीआई ने रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक ओटीपी आधारित कैश विदड्रॉल की सुविधा शुरू की थी। अब ग्राहकों को किसी भी समय यह सुविधा मिलेगी। ओटीपी के साथ ही ग्राहकों को हर बार डेबिट कार्ड पिन भी डालना होगा। एसबीआई के अधिकारी के अनुसार, 24 घंटे और सातों दिन ओटीपी आधारित विदड्रॉल सुविधा शुरू करने के पीछे ग्राहकों में सुरक्षा और रिस्क फ्री कैश विदड्रॉल की भावना को बढ़ावा देना है। इस सुविधा के जरिए ग्राहकों को न सिर्फ फ्रॉड, बल्कि अनआथराइज विदड्रॉल, कार्ड स्कीमिंग, कार्ड क्लोनिंग जैसे फ्रॉड से मुक्ति मिल सकेगी।
ग्राहकों को तुरंत ही अपना मोबाइल नंबर अपडेट करवा लेना चाहिए। जानकारी के अनुसार, फिलहाल यह सुविधा सिर्फ एसबीआई के एटीएम पर ही उपलब्ध होगी। यानी यदि आप नॉन एसबीआई या अन्य एटीएम से पैसे निकालते हैं तो ओटीपी नहीं आएगा। जब ग्राहक एटीएम में अमाउंट डालेंगे तो एटीएम स्क्रीन पर उन्हें ओटीपी पूछा जाएगा। मोबाइल पर आया ये ओटीपी ग्राहकों को डालना होगा, इसके बाद ही पैसे बाहर आएंगे। उल्लेखनीय है कि एसबीआई का देश में सबसे बड़ा नेटवर्क है। बैंक की 22 हजार ब्रांच, 58 हजार एटीएम और लगभग 61 हजार बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट आउटलेट्स हैं।
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