नई दिल्लीः मोदी सरकार ने देश को आत्मनिर्भर बनाने का अभियान चला दिया है, जिसको अमलीजामा पहनाने के लिए तमाम प्रयास भी किये जा रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत की मुहिम से चीनी बाजार को आर्थिक रूप से बड़ा झटका लगा है। चीन की तमाम कंपनियां भारत में अपना निवेश करती हैं, जिनके प्रोडक्ट भी यहां खूब पसंद किये जाते हैं। भारत सरकार पहले ही डिजिटल स्ट्राइक कर चीन को बड़ा आर्थिक नुकसान दे चुकी है।
वहीं अब मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आरसी भार्गव ने एक खास प्लान बताया है, जिसके जरिए चीन को भारत पछाड़ सकता है। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी के चेयरमैन ने कहा कि यदि उद्योग और सरकार साथ मिलकर काम करें तो भारत सस्ती लागत के मैन्युफैक्चरिंग में चीन को पीछे छोड़ सकता है। यदि सरकार और उद्योग साथ काम करें तो भारत के पास चीन से अधिक सस्ती लागत पर मैन्युफैक्चरिंग करने की क्षमता है। उन्होंने ने कहा कि सरकार की नीतियों का मूल उद्देश्य भारतीय उद्योगों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाना होना चाहिए। इससे अपने आप ही दुनिया में सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता वाले कम लागत के उत्पाद बनाए जा सकेंगे।
उद्योग जितना अधिक बिक्री करेंगे और अर्थव्यवस्था में उतने ही रोजगार सृजित होंगे। भार्गव ने कहा कि पूरी अर्थव्यवस्था के वृद्धि करने के लिए सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन करना महत्वपूर्ण है। हालांकि भार्गव ने मैन्युफैक्चरिंग में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार आरक्षित रखने के लिए राज्यों की आलोचना की। देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को भी वैश्विक स्तर पर उतना ही प्रतिस्पर्धी होना चाहिए जितना बड़ी कंपनियां हैं, क्योंकि पूरी सप्लाई सीरीज ही संपूर्ण प्रतिस्पर्धात्मकता को दर्शाती है।
- कर्मचारियों को मिले जगह
उन्होंने कहा कि उद्योग तब तक प्रतिस्पर्धी नहीं हो सकते जब तक कंपनी के प्रवर्तक और प्रबंधक अन्य कर्मचारी और श्रमिकों को सहयोगियों की तरह तवज्जो नहीं देते। उन्होंने इस संदर्भ में मारुति सुजुकी की नीति का उल्लेख किया। कंपनी ने अपने कर्मचारियों को समझाया कि यदि कंपनी वृद्धि करेगी तो वे भी समृद्ध होंगे।
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