नई दिल्ली: भारत से टकराव के बाद से चीन की वाहन निर्माता कंपनियों के लिए भारत में अनिश्चितता बढ़ती जा रही है। इन कंपनियों के शीर्ष प्रबंधन पर भी इस बात का असर देखा जा सकता है। ताजा मामला ग्रेट वॉल मोटर्स (जीडब्ल्यूडब्ल्यू) की सेल्स एंड मार्केटिंग इकाई के निदेशक हरदीप सिंह बराड़ का है, जिन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
इस मामले से वाकिफ सूत्रों के मुताबिक, बराड़ जल्द ही कोरियाई कार कंपनी किआ मोटर्स के साथ जुड़ने सकते हैं। बराड़, किआ में भी सेल्स एंड मार्केटिंग प्रमुख के तौर पर ही जिम्मेदारी निभाएंगे।
इसी तरह एक अन्य चीनी कार निर्माता चंगान ऑटोमोबाइल, जो भारत में 500 मिलियन डॉलर निवेश करने की रणनीति पर काम कर रही थी, उसे भी अपनी योजनाओं को रोकना पड़ा है। क्योंकि इस समय भारत को चीनी कंपनियों के लिए निवेश के लिहाज से उपयुक्त नहीं माना जा रहा है।
ग्रेट वॉल मोटर्स गुड़गांव के एक पांच सितारा होटल में एक कार्यालय से काम कर कर रही थी, जिसे भी बंद कर दिया गया है और सभी कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं। इस समय ग्रेट वॉल मोटर्स का भारत में 1 बिलियन अमरीकी डालर (INR7000 करोड़) का निवेश है।
इस समय भारत में ग्रेट वॉल मोटर्स के अलावा एमजी मोटर्स और BYD और Photon के उत्पाद बाजार में उपलब्ध है। इनमें से एमजी हेक्टर की बात करें तो यह एक ब्रिटिश कंपनी है, लेकिन इसका स्वामित्व चीन की कंपनी SAIC मोटर्स के पास है। एमजी ने भारत में 2019 में SUV, Hector के साथ एंट्री की थी।
हेक्टर के अलावा भारत में एमजी मोटर्स की Gloster और ZS EV भी बाजार में उपलब्ध हैं।
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