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दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर कैसे पकड़ा फर्जी वीजा रैकेट? तीन भारतीय यात्रियों ने किया पर्दाफाश

fake visa racket busted Delhi IGI Airport: दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर तीन भारतीय यात्रियों के पास से मिले फर्जी वीजा ने पूरे रैकेट का पर्दाफाश कर दिया. तमिलनाडु बेस्ड यह नेटवर्क भारतीय नौकरीपेशा युवाओं को नकली French D-type Visa दिलवाकर विदेश भेजने की कोशिश कर रहा था.

Author By: Vijay Jain Author Published By : Vijay Jain Updated: Dec 2, 2025 15:11
fake visa racket busted

fake visa racket busted Delhi IGI Airport: दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने एक और बड़े फर्जी वीजा रैकेट का भंडाफोड़ किया है. तमिलनाडु बेस्ड यह नेटवर्क भारतीय नौकरीपेशा युवाओं को नकली French D-type Visa दिलवाकर विदेश भेजने की कोशिश कर रहा था. तीन भारतीय यात्रियों के पास से मिले फर्जी वीजा ने पूरे रैकेट का पर्दाफाश कर दिया. IGI एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 के इमिग्रेशन काउंटर पर 28 अक्टूबर को तीन यात्री नवीराज सुब्रमणियम, मोहन गांधी इलंगोवन और प्रभाकरण सेंथिलकुमार क्लियरेंस के लिए पहुंचे, लेकिन इमिग्रेशन जांच के दौरान सभी के पास लगे French D-type Visa को संदिग्ध पाया गया.

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एक छह लाख तो दो 12-12 लाख में मिले थे वीजा

वीज़ा में सुरक्षा फीचर्स नहीं थे और प्राथमिक जांच में पता चला कि ये पूरी तरह फर्ज़ी हैं. इसी आधार पर आईजीआई एयरपोर्ट थाने में BNS और पासपोर्ट एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया. पूछताछ में खुलासा हुआ कि नवीराज को उसका भाई 6 लाख रुपये लेकर फर्जी वीज़ा दिलवाकर भेज रहा था, जबकि बाकी दोनों यात्रियों ने तमिलनाडु के नमक्कल जिले में रहने वाले एक एजेंट को 12–12 लाख रुपये दिए थे.

एजेंट वी. कन्नन गिरफ्तार

रैकेट का पता लगते ही SHO की अगुवाई में एक टीम गठित की गई. स्थानीय इनपुट और तकनीकी निगरानी के आधार पर पुलिस टीम ने तमिलनाडु के नमक्कल ज़िले से 55 वर्षीय एजेंट वी. कन्नन को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में कन्नन ने कबूल किया कि वह परमाथी में एक सरकारी संबद्ध ITI चलाता है और वेलुर में “Vetri Overseas” नाम से एक ओवरसीज़ एजुकेशन कंसल्टेंसी भी. कन्नन अपने साथी साथिक सैयद उर्फ अब्दुल हकीम के साथ मिलकर युवाओं को पेरिस में वेयरहाउस जॉब दिलाने के नाम पर फंसाता था. अब तक कम से कम 16 युवाओं से मोटी रकम लेकर फर्जी इंटरव्यू करवा कर नकली वीज़ा तैयार करवाए गए थे. पुलिस अब फरार साथी एजेंट की तलाश कर रही है और यह भी जांच कर रही है कि इस गिरोह के तार अन्य राज्यों या पुराने मामलों से जुड़े हैं या नहीं.

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First published on: Dec 02, 2025 09:14 AM

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