CPR Training Session: केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने भी सीखा, दिल का दौरा पड़ने पर किसी की जान बचाना
CPR Training Session: हार्ट अटैक की स्थिति में पहला सीपीआर देने को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती पवार और एसपी सिंह बघेल भी मौजूद रहे। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अगर कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में मरीज को समय रहते सीपीआर दिया जा सके तो अस्पताल पहुंचने या एंबुलेंस आने तक मरीज की जान बचाई जा सकती है।
बता दें कि सीपीआर, या कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन एक आपातकालीन जीवनरक्षक प्रक्रिया है, यह तब की जाती है जब दिल धड़कना बंद कर देता है। कार्डियक अरेस्ट के बाद तत्काल सीपीआर जीवित रहने की संभावना को दोगुना या तिगुना कर सकता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि अधिक से अधिक लोग इस प्रक्रिया से अवगत हों, जिसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज के सहयोग से सीपीआर जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सीपीआर देने की ट्रेनिंग ली
इस अभियान की शुरुआत करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने खुद सीपीआर देने की ट्रेनिंग ली और कहा कि सबसे पहले हमारी कोशिश अपने दिल को स्वस्थ रखने की होनी चाहिए और अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए हमें संतुलित आहार लेना चाहिए और नियमित व्यायाम करना चाहिए। अपने खान-पान का बेहतर ख्याल रखें, ये सब करने से हमारा दिल स्वस्थ रह सकता है।
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चलाया जा रहा अभियान
उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी भी स्थिति में कार्डियक अरेस्ट होता है, तो इसका अनुभव करने वाले व्यक्ति को सीपीआर देकर मदद की जा सकती है। इसके लिए जरूरी है कि हर किसी को इसके बारे में पता होना चाहिए। इसके लिए हम यह प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहे हैं। नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (एनबीईएमएस) पूरे देश में सीपीआर जागरुकता कार्यक्रम चला रहा है। वहीं, हाल ही में युवाओं में दिल के दौरे से होने वाली मौतों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सीपीआर प्रशिक्षण के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस अभियान के तहत प्रशिक्षण लेने के लिए देशभर से 20 लाख से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया है और आज देशभर में इस तरह की ट्रेनिंग चल रही है, ताकि लोगों में ज्यादा से ज्यादा जागरुकता पैदा की जा सके। उन्होंने अपील भी की, कि लोगों को सीपीआर देने का प्रशिक्षण लेना चाहिए और कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में मरीज की मदद कर सकते हैं।
सीपीआर देकर बचाई जा सकती है जान
इसके साथ ही नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज के अध्यक्ष डॉ. अभिजात शेठ ने कहा कि हम इस प्रकार के प्रशिक्षण को केवल संस्थानों तक सीमित नहीं रखना चाहते हैं। इसीलिए समुदाय स्तर पर इस प्रकार का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि यह एक बहुत ही सरल तकनीक है, जिसे आम लोग भी सीख सकते हैं और कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में मरीज की मदद कर सकते हैं, ऐसे मरीज को अस्पताल या एम्बुलेंस पहुंचने तक प्राथमिक उपचार प्रदान कर सकते हैं और उसे मरने से बचा सकते हैं।
डॉ. शेठ ने कहा कि इसके लिए किसी भी प्रकार के उपकरण की आवश्यकता नहीं है। दोनों हाथों से छाती पर दबाव डालकर और मुंह से ऑक्सीजन देकर भी रोगी की मदद की जा सकती है।
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