लखनऊ। उत्तरप्रदेश में योगी सरकार के ‘मिशन शक्ति’ से महिलाओं का सशक्तिकरण हो रहा है। इससे महिलाओं को सुरक्षा, आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिल रहा है। मिशन शक्ति महिलाओं के लिए सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित कर रहा है. सरकार की नीतियां महिलाओं को आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने और अपने भविष्य को स्वयं आकार देने में सक्षम बना रही हैं. मिशन शक्ति के माध्यम से महिलाएं सफलता की कहानी लिख रही हैं. मिशन शक्ति से महिलाएं अपराधों के प्रति सजग हो रही हैं और सरकारी योजनाओं का लाभ ले रही हैं.
मिशन शक्ति से महिलाओं को मिली ताकत
उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा बड़ा मुद्दा रहा है. 2017 के बाद मुख्यमंत्री ने अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई. इसका नतीजा ये रहा है कि प्रदेश में कानून का राज स्थापित हुआ है. गुंडे और माफिया प्रदेश छोड़ चुके हैं. उत्तर प्रदेश में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए 2020 में मिशन शक्ति लॉन्च हुआ. इसके बाद से महिलाओं के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आए. सीएम योगी की नीतियों से महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा को सुनिश्चित किया गया है. बेहतर पुलिसिंग, समर्पित हेल्पलाइन और त्वरित कार्रवाई तंत्र ने सार्वजनिक स्थानों, कार्यस्थलों और यहां तक कि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में भी महिलाओं के बीच सुरक्षा की भावना पैदा की है. यह सुरक्षा का एहसास अब उनकी नई आकांक्षाओं, शिक्षा, उद्यमिता या सामुदायिक नेतृत्व की मजबूत नींव बनता जा रहा है.
आर्थिक सशक्तिकरण में मिशन शक्ति की अहम भूमिका
योगी सरकार ने सुशासन और सुरक्षा का जो माहौल बनाया है उससे महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण भी हुआ है. महिला स्वयं सहायता समूहों की आय कई गुना बढ़ी है, जो अधिक अवसरों और आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की अभूतपूर्व भागीदारी को दर्शाती है. जो महिला स्वयं सहायता समूह पहले छोटे बचत समूह या स्थानीय व्यापार तक सीमित थे, वे अब मजबूत वित्तीय इकाइयों में बदल रहे हैं, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान दे रहे हैं.
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को विशेष लाभ
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए मिशन शक्ति वरदान साबित हुआ है. ग्रामीण महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए अनेकों योजनाएं चलाई जा रही हैं. बीसी सखी योजना ने महिलाओं को सम्मानजनक रोजगार दिया है. हजारों बीसी सखियां गांवों में घर-घर जाकर बैंकिंग सेवाएं दे रही हैं. इससे हजारों ग्रामीण परिवारों को समय पर लेनदेन, सरकारी लाभ और वित्तीय साक्षरता की सुविधा मिल रही है. ये महिलाएं अब वित्तीय सहयोगी ही नहीं, बल्कि अपने समुदायों में रोल मॉडल बन चुकी हैं.
श्रम क्षेत्र में महिलाओं की हिस्सेदारी में इजाफा
योगी सरकार की नीतियों की वजह से उत्तर प्रदेश में महिलाओं की श्रम भागीदारी 2017 के 14% से बढ़कर 2023-24 में 36% हो गई है. वुमन इकोनॉमिक एम्पावरमेंट (WEE) इंडेक्स रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि महिलाएं पहले से बेहतर माहौल में काम कर रही हैं.
ODOP योजना से महिलाओं का स्वावलंबन
योगी सरकार की ODOP योजना ने भी महिलाओं के लिए व्यापक रोजगार अवसर खोले हैं. इससे हस्तशिल्प, हैंडलूम, फूड प्रोसेसिंग और पारंपरिक कलाओं की ब्रांडिंग के साथ मार्केटिंग भी हो रही है. महिला कारीगरों और उद्यमियों को अब नए बाजार, बेहतर ब्रांडिंग और आय के बेहतर अवसर मिल रहे हैं. ओडीओपी हर पारंपरिक कौशल को आधुनिक मंच से जोड़ता है. चाहे वह चिकनकारी का बारीक काम हो या मिट्टी के बर्तनों की कला, ताकि महिलाओं की प्रतिभा को राष्ट्रीय और वैश्विक बाजारों से जोड़ा जा सके.
महिलाओं के लिए मिशन शक्ति ने लिखा नया अध्याय
कुल मिलाकर मिशन शक्ति महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है. महिलाएं अब शक्तिशाली होकर निर्णायक भूमिका निभा रही हैं. महिलाएं अब आश्रित नहीं बल्कि निर्णायक हैं. उपेक्षित नहीं बल्कि परिवर्तन की अगुवाई करती हैं. योगी सरकार का सशक्तिकरण मॉडल केवल कल्याण नहीं, बल्कि दीर्घकालिक क्षमता निर्माण, सुरक्षा और अर्थव्यवस्था में सार्थक भागीदारी पर केंद्रित है. उत्तर प्रदेश की महिलाएं प्रभावी शासन, समावेशी नीतियां और सुरक्षा प्रतिबद्धता से क्रांतिकारी भूमिका में हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मिशन शक्ति महिलाओं के सशक्तिकरण में महती भूमिका निभा रहा है.










