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Sabse Bada Sawal, 23 March 2023: पोस्टर पर तकरार…138 FIR, सरकार का विरोध… अभिव्यक्ति की आजादी है?

Sabse Bada Sawal, 23 March 2023: नमस्कार। मैं हूं संदीप चौधरी। आज मैं ‘सबसे बड़े सवाल’ में बात करूंगा लोकतंत्र की। हम ताल ठोंकते हैं, दंभ भरते हैं कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र, प्रजातंत्र हैं। लेकिन लोकतंत्र के मूल में क्या है? We the people, By the People, For the People यानी लोगों की […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Mar 23, 2023 14:35
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Sabse Bada Sawal, 23 March 2023: नमस्कार। मैं हूं संदीप चौधरी। आज मैं ‘सबसे बड़े सवाल’ में बात करूंगा लोकतंत्र की। हम ताल ठोंकते हैं, दंभ भरते हैं कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र, प्रजातंत्र हैं। लेकिन लोकतंत्र के मूल में क्या है? We the people, By the People, For the People यानी लोगों की सरकार, लोगों के द्वारा और लोगों के लिए सरकार।

आजादी का मतलब कुछ भी बोलना नहीं

आजाद होने का मतलब बोलने की अभिव्यक्ति की आजादी है। लेकिन कुछ रिस्ट्रेक्शन भी हैं। आप भड़काऊ बयान नहीं दे सकते हैं। किसी को बरगला नहीं सकते हैं। लेकिन इससे राजनीति जुड़ गई है। क्योंकि आज अजीबो-गरीब नजारा पेश आया।

दिल्ली में दिखी पोस्टर की बहार

दिल्ली में एक पोस्टर की बहार आ गई। अलग-अलग कोने में पोस्टर्स दिखे। पोस्टर्स लगाए गए कि मोदी हटाओ देश बचाओ। पोस्टर्स का तो अपना इतिहास है, गली गली में शोर है, राजीव गांधी…है। इंदिरा हटाओ देश बचाओ। और पीछे जाएं तो जयप्रकाश नारायण के टाइम पर 1962 में पुणे में जनसंघ की रैली हुई। पोस्टर्स लगाए गए कि वाह रे नेहरू तेरी मौज, घर पर हमला बाहर फौज। पोस्टर्स तो राजनीतिक विरोध का आगाज है।

अगले साल मदर ऑफ इलेक्शन

तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। छह राज्यों में इसी साल होने वाले हैं। आगे मदर ऑफ इलेक्शन 2024 लोकसभा चुनाव अगले साल होने को हैं। दिल्ली पुलिस कॉटलैंड यार्ड से भी तेज फुर्ती दिखाते हुए 138 एफआई कर दी। छह लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। एफआईआर की वजह क्या बनी? प्राथमिकी प्रिंटिंग प्रेस अधिनियम और संपत्ति अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ है। कमाल का इन्वेस्टिगेशन हुआ।

दिल्ली पुलिस ने क्यों दर्ज किया केस

पोस्टर्स पर प्रिंटिंग प्रेस का नाम नहीं है। सारी दीवारें बदरंग बदसूरत कर रहे हैं, तो एफआईआर हम दर्ज करेंगे। इसमें एक खेल और हुआ। एक वैन थी, उसमें पोस्टर्स के बंडल पड़े थे। ये आप पार्टी के दफ्तर से बाहर निकल रही थी। वाहन जब्त किया गया। गिरफ्तारी शुरु हुई। लेकिन अब राजनीतिक जंग शुरू हो गई है। आप के नेताओं ने कहा कि ये मोदी के तानाशाही का चरम है। भारत एक लोकतांत्रितक देश है। आप (पीएम मोदी) पोस्टर से डर गए। अब तो देश से आवाज गूंजेगी कि 56 इंच सीना वाले पीएम मोदी एक पोस्टर से डर गए।

बीजेपी ने कहा- बेचारा पॉलिटिक्स बंद करो

बीजेपी ने भी पलटवार किया। एक तो चोरी उस पर सीना जोरी। आप के मंत्री भ्रष्टाचार में जेल भेजे जा रहे हैं। आप का नाम ईडी ले रही है। मोदी को गाली देते हो। ये बेचारा पॉलिटिक्स करनी बंद कर दो। अखिलेश यादव भी कूदे। उन्होंने आप के सुर में सुर मिलाते हुए बोले कि सरकार के खिलाफ बोलोगे तो आवाज बंद करा दी जाएगी। यही आवाज कांग्रेस भी उठा रही थी। संसद शुरू हुआ तो राहुल गांधी का बयान मुद्दा बना। राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कहा कि संसद में जवाब दूंगा। लेकिन बोलने नहीं दिया जाएगा। अगले दिन वही हुआ।

तो आइए देखते हैं कि पोस्टर पर तकरार…138 एफआईआर। सरकार का विरोध अभिव्यक्ति की आजादी है? पर एक बड़ी बहस…

यह भी पढ़ें: मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर भाजपा सांसद बोले- मैं भी मोदी हूं, अपमानित महसूस किया

First published on: Mar 23, 2023 02:35 PM

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