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देश में एक करोड़ से ज्यादा फ्लैट खाली, बिना इस्तेमाल के प्रॉपर्टी रखना क्राइम: जी हरि बाबू

Real Estate Sector News: देश में फिलहाल एक करोड़ से अधिक घर खाली पड़े हैं। फिलहाल बिल्डर अमीरों को टारगेट कर रहे हैं। जो चिंताजनक है। रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल के प्रेसिडेंट जी हरी बाबू ने कहा है कि अब सरकार को आगे आने की जरूरत है। सरकार बिल्डर्स पर दबाव बनाए और रजिस्ट्रेशन चार्ज पर छूट दे।

हाउसिंग स्कीम।
Housing Sector News: रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल के प्रेसिडेंट जी हरी बाबू ने मांग की है कि सरकार को बिल्डर्स पर दबाव बनाने की जरूरत है। इस समय देश में लगभग एक करोड़ से अधिक घर खाली हैं। महंगे घरों की डिमांड में एक हजार फीसदी का इजाफा हुआ है। सरकार को स्टाम्प ड्यूटी, जीएसटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज पर भी छूट देनी चाहिए। इस समय हालात चिंताजनक है। सस्ते घरों की डिमांड देश के बड़े शहरों में लगातार नीचे जा रही है। महंगे घरों की डिमांड 2019 से 2023 के बीच तेजी से बढ़ी है। डेढ़ करोड़ से अधिक कीमत वाले घरों की डिमांड में एक हजार फीसदी का इजाफा हुआ है। इस उछाल का कारण अमीरों का रियल सेक्टर में अधिक इनवेस्ट करना है। बाबू का कहना है कि देश को सस्ते घरों की जरूरत है। रियल एस्टेट सेक्टर के विकास के लिए इसकी जरूरत है।

सस्ते घरों की खरीद में लगातार गिरावट

बाबू का कहना है कि 10 फीसदी आबादी को ही अब बिल्डर टारगेट कर रहे हैं। नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (NAREDCO) के आंकड़ों के अनुसार हैदराबाद में ही 2022 में 5300 सस्ते घर बिके हैं। प्रेसिडेंट जी हरी बाबू (G Hari Babu) के अनुसार एक साल बाद ही गिरावट के साथ आंकड़ा 3800 रह गया। देश की 10 फीसदी आबादी के पास 63 परसेंट संपत्ति है। जनसंख्या के हिसाब से 14 करोड़ लोगों को ही बिल्डर अब टारगेट कर रहे हैं। इसी कारण सवा करोड़ से अधिक फ्लैटों की बिक्री पेंडिंग है। यह भी पढ़ें:यूपी में नकल रोकने के लिए योगी सरकार लाएगी तगड़ा कानून…उम्र कैद से लेकर 10 करोड़ जुर्माना, संपत्ति होगी जब्त! बाबू का कहना है कि निवेशकों ने घर खरीद लिए हैं। लेकिन उनका यूज नहीं कर रहे। ये घर किराये पर भी नहीं दिए जा रहे। कई लोग ऐसे हैं, जो घरों की तलाश में भटक रहे हैं। दूसरी तरफ लाखों घर खाली हैं। इन घरों का यूज नहीं होना भी एक तरह से अपराध है। सरकार ऐसे घरों पर दोगुना या तिगुना प्रॉपर्टी टैक्स लगाए। बाबू के अनुसार देश की 60 फीसदी आबादी सरकारी स्कीमों पर निर्भर है। वह खुद घर नहीं खरीद सकती। सरकार सस्ते घर बनाने के लिए बिल्डर्स पर दबाव बनाए। यह भी पढ़ें:60 की स्पीड से तूफान आएगा, भारी बारिश की चेतावनी; UP-बिहार में मानसून को लेकर IMD की ताजा भविष्यवाणी जीएसटी, रजिस्ट्रेशन चार्ज और स्टाम्प ड्यूटी पर छूट दे। अगर बदलाव हुए तो अफोर्डेबल हाउसिंग सेक्टर में 25 प्रतिशत तक उछाल आ सकता है। सरकार को मध्यम और निचले वर्ग के लिए सोचने की जरूरत है। सरकार ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना देखा है। लेकिन अगर 40 प्रतिशत आबादी झुग्गियों में रहेगी तो यह कैसे संभव होगा?


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