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जब रामलला के ललाट पर चमके सूर्य देवता, जानें कैसे सम्पन्न हुआ अयोध्या का सूर्य तिलक समारोह?

Ram Lala Surya Tilak: अयोध्या के राम मंदिर में आज रामलला का जन्मोत्सव धूम धाम से मनाया गया। इस दौरान सूर्य की किरणों ने राम लला का सूर्य तिलक हुआ, जिसकी तस्वीरें देखने के बाद सभी भावुक हैं। सूर्य तिलक के बाद प्रभु श्री राम के जयकारे पूरी अयोध्या नगरी में गुंज रहे थे।

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Apr 17, 2024 16:22
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(दिव्या अग्रवाल, दिल्ली)

Ram Lala Surya Tilak: रामनवमी के पावन पर्व पर आज समूचा देश भावुक है। 500 साल बाद रामलला ने अपने महल में जन्मदिवस मनाया है। वहीं इस दिन को यादगार बनाने के लिए रामलला का सूर्य तिलक किया गया है, जिसकी तस्वीरें सामने आ गई हैं। अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के ललाट पर चमकता सूर्य बेहद अद्भुत नजर आ रहा है।

रामलला का सूर्य तिलक

दिव्य-भव्य मंदिर में ऊपरी तल से भूतल तक दर्पण दर्पण घूमती टहलती दृश्यमान देवता दिवाकर की प्रतिनिधि किरणें आज मध्य दिवस में जैसे ही रामलला के ललाट पर सुशोभित हुईं, टकटकी लगाए हजारों हजार आंखें खुशी से छलछला उठीं। रोम रोम पुलकित हो उठा। मंदिर में उपस्थित श्रद्धालुओं की अपरंपार भीड़ इस अद्भुत, अलौकिक और अविस्मरणीय पल को सहेजने में लगी थी। यही हाल बड़ी बड़ी एलईडी स्क्रीन और अपने घरों में टीवी के सामने बैठे लोगों का भी था।

पांच सौ साल बाद मना जन्मोत्सव

आज श्रीराम नवमी पर केवल जन्मभूमि मंदिर ही नहीं बल्कि पूरी अयोध्या नगरी को बहुत ही खूबसूरत ढंग से सजाया गया है। ऐसा हो भी क्यों ना, आखिर पांच सौ वर्षों के संघर्ष के बाद श्रीराम लला के अपने मूल स्थान पर विराजमान होने के बाद यह पहला जन्मोत्सव है। पहले तय हुआ था कि मंदिर बनने के बाद सूर्य किरणों से रामलला के महामस्तकाभिषेक की व्यवस्था की जाय। मगर साधु-संतों का तर्क था कि जब श्रीराम लला विधि-विधान पूर्वक प्रतिष्ठित हो गये हैं तो सब कुछ विधिवत होना चाहिए।

वैज्ञानिकों ने संभाला सूर्य तिलक का दारोमदार

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सूर्य तिलक को हरी झंडी दिखाई, जिसके बाद रुड़की स्थित सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च संस्थान का वैज्ञानिक दल सूर्य तिलक को मूर्त रूप देने में जुट गया। वैज्ञानिकों के लिए यह बहुत मुश्किल था क्योंकि पृथ्वी की गति के हिसाब से सूरज की दिशा और कोण को समन्वित करके किरणों को उपकरणों की मदद से ऊपरी तल से राम लला के ललाट तक पहुंचाना था। आखिर में वैज्ञानिक सफल हुए और निर्धारित समय पर 75 मिलीमीटर टीके के रूप में सूर्य किरणें राम लला के ललाट तक पहुंची।

खुशी से झूमें दर्शक

इस दृश्य को देखकर श्रद्धालु बच्चों की तरह किलक उठे। बाल वृद्ध नारी सब एक ही भाव में थे। आज सुबह मंगला आरती के बाद से ही उत्सव का वातावरण था। कल से ही श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय समेत मंदिर व्यवस्था से जुड़े पदाधिकारी सारे काम की निगरानी कर रहे थे। आज राम लला को मंगल स्नान कराकर विशेष रूप से तैयार किया गया और नये वस्त्र पहनाए गए। श्रद्धालुओं की भीड़ के दृष्टिगत खास इंतजाम किए गए थे।

रामलला का गूंजा जयकारा

निर्धारित समय पर जन्म मुहूर्त में सूर्य किरणों से महामस्तकाभिषेक होते ही श्रद्धालु आह्लादित हो उठे जयकारों के बीच आरती संपन्न हुई। बाहर आते लोगों को विशेष रूप से तैयार कराया गया। धनिया की पंजीरी समेत अन्य प्रसाद बांटा गया। श्रीराम लला को भी छप्पन भोग लगाया गया। इन पकवानों को कारसेवकपुरम में ही शुद्धता के साथ तैयार करवाया गया था। प्रसाद पाने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मची रही। बेहतरीन व्यवस्था के बीच सब कुछ कुशलतापूर्वक संपन्न हुआ। बता दें कि मंदिर परिसरमें ही नहीं बल्कि आज तो पूरे अयोध्या धाम में भारी भीड़ देखने को मिल रही थी। जगह जगह लगी एलईडी स्क्रीन पर भी बड़ी संख्या में लोगों ने सूर्य किरणों से महामस्तकाभिषेक समेत जन्मोत्सव का सीधा प्रसारण देखा।

First published on: Apr 17, 2024 04:22 PM

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