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छात्रों ने स्कूल छोड़ा तो टीचर ने दी जान, सुसाइड नोट में लिखी चौंकाने वाली बात

Pune Teacher Suicide: महाराष्ट्र के पुणे जिले में एक 46 वर्षीय शिक्षक ने आत्महत्या कर ली। अब ऐसा क्यों हुआ, यह वजह आपको हैरान कर देगी। दरअसल, टीचर इस चीज से परेशान था कि उसकी क्लास में छात्रों ने आना बंद दिया। उन्हें हाल ही में पुणे जिले के एक जिला परिषद स्कूल में ट्रांसफर […]

Edited By : Nitin Arora | Updated: Aug 10, 2023 12:42
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PUNE TEACHER SUICIDE

Pune Teacher Suicide: महाराष्ट्र के पुणे जिले में एक 46 वर्षीय शिक्षक ने आत्महत्या कर ली। अब ऐसा क्यों हुआ, यह वजह आपको हैरान कर देगी। दरअसल, टीचर इस चीज से परेशान था कि उसकी क्लास में छात्रों ने आना बंद दिया। उन्हें हाल ही में पुणे जिले के एक जिला परिषद स्कूल में ट्रांसफर किया गया था।

पुलिस के मुताबिक, शिक्षक की पहचान अरविंद ज्ञानेश्वर देवकर के रूप में हुई। डेढ़ महीने पहले स्कूल ज्वाइन करने के बाद उन्होंने स्कूल में सफाई अभियान शुरू किया। लेकिन गुस्साए माता-पिता ने अपने बच्चों को दूसरे स्कूलों में दाखिला करा दिया जब उन्हें पता चला कि शिक्षक ने सफाई कर्मचारियों की अनुपस्थिति में स्कूल की सफाई के लिए छात्रों की मदद ली है।

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शिक्षक ने इसे अपनी पेशेवर विफलता मानकर अपनी जान ले ली। 3 अगस्त को दौंड तालुका में जावजीबुवाची वाडी के पास होल वस्ती स्थित स्कूल के अंदर कीटनाशक पीने से उनकी मृत्यु हो गई। कॉन्स्टेबल रमेश गायकवाड़ ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘उन्होंने नोट में लिखा कि चूंकि स्कूल में कोई अन्य स्टाफ नहीं था, इसलिए उन्होंने ज्वाइन करते ही स्कूल को साफ-सुथरा बनाने के लिए सफाई अभियान चलाया। कई नाराज माता-पिता अगले दिन स्कूल गए और बच्चों से काम कराए जाने पर आपत्ति जताई।’

टीचर ने की मनाने की कोशिश

इसके बाद अगले कुछ दिनों में, 10 में से नौ छात्रों को क्षेत्र के दूसरे स्कूल में डाल दिया गया। टीचर ने माता-पिता को ऐसा ना करने के लिए मनाने की कोशिश की गई, लेकिन वे असफल रहे। गायकवाड़ ने कहा कि एकमात्र नामांकित छात्र ने भी स्कूल आना बंद कर दिया था।

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पुलिस ने कहा कि देवकर को 3 अगस्त को ग्रामीण उरुली कंचन के एक अस्पताल ले गए, लेकिन जब उनकी हालत ज्यादा खराब थी, तो उन्हें हडपसर के सह्याद्री अस्पताल भेजा गया, जहां 8 अगस्त को उनकी मृत्यु हो गई।

देवकर पुरंदर तहसील के मावड़ी पिंपरी गांव के रहने वाले थे और अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ पुणे के उरुली कंचन में रहते थे।

सुसाइड नोट में किया ये खुलासा

नोट में यह भी दावा किया गया कि स्कूल से किसी ने भी मदद की पेशकश नहीं की। इसलिए, उन्होंने स्कूल में साफ़-सफ़ाई सहित सभी कार्य को करने की खुद पहल की। पुलिस के अनुसार, माता-पिता को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए मनाने में विफल रहने के बाद उसने अपना जीवन समाप्त करने का फैसला किया।

एक कॉल दूर है मदद

यदि आपको या आपके किसी जानने वाले को सहायता की आवश्यकता है, तो कृपया इन हेल्पलाइन नंबरों में से किसी एक पर संपर्क करें: 022-27546669 (आसरा, मुंबई), +91 44 2464 0050 (स्नेहा, चेन्नई), 011-23389090, (सुमैत्री, दिल्ली), 040 -66202000 (रोशनी, हैदराबाद), +91 11 41198666 (संगत टेली-काउंसलिंग), 1800-599-0019 (किरण), +918422984528, +91 8422984529 और +91 8422984530 (समेरिटन), +91 84484406 32 (मनोदर्पण), 14416 और 1800-891-4416 (टेली-मानस)

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Edited By

Nitin Arora

First published on: Aug 10, 2023 12:42 PM

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