One Rank-One Pension: ‘किस्तों में पेंशन देने का फैसला क्यों…’, सुप्रीम कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय को लगाई फटकार, दे डाली ये चेतावनी
One Rank-One Pension: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को वन रैंक वन पेंशन (OROP) नीति के तहत पेंशन भुगतान के मामले पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय को कड़ी फटकार लगाई और पूछा कि आदेश के बाद भी किस्तों में पेंशन देने का फैसला क्यों लिया गया?
शीर्ष कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय के पेंशन मामलों के सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा तलब किया है। यह चेतावनी भी दी है कि अदालत अवमानना का नोटिस जारी करेगी। यह टिप्पणी चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने की
एक किस्त में भुगतान की मांग कर रहे पेंशनभोगी
दरअसल, पूर्व सैनिकों के एक ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट ने याचिका लगाई थी। मांग की थी कि सभी पात्र पेंशन लाभार्थियों को वन रैंक वन पेंशन योजना के बकाए का भुगतान चार किस्तों के बजाय एक किस्त में किया जाए। इस मामले पर सोमवार को सुनवाई हुई।
कोर्ट ने 15 मार्च तक का दिया था समय
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 9 जनवरी को केंद्र सरकार को सशस्त्र बलों के सभी पात्र पेंशनभोगियों को वन रैंक वन पेंशन के कुल बकाए के भुगतान के लिए 15 मार्च तक समय दिया था। वहीं सरकार ने 15 मार्च 2023 की तारीख को बढ़ाने की मांग करते हुए अदालत का रुख किया था।
क्या है ओआरओपी?
2014 में केंद्र सरकार ने रिटायर सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की थी। तीन साल बाद इस योजना को लागू कर दिया गया था।
कहा गया था कि अलग-अलग समय पर रिटायर हुए एक ही रैंक के दो सैनिकों की पेंशन राशि में बड़ा अंतर नहीं होगा। भले ही वे कभी रिटायर हुए हों। वर्तमान में 25 लाख रिटायर्ड सैनिक हैं।
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