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NEET Paper Leak: दोबारा नहीं होगी नीट यूजी की परीक्षा; सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला

NEET Paper Leak Case: सुप्रीम कोर्ट में नीट पेपर लीक मामले में दोबारा परीक्षा कराने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। मंगलवार को शीर्ष अदालत ने इन याचिकाओं पर फैसला सुना दिया। बता दें कि कई छात्र पेपर लीक की वजह से परीक्षा फिर से आयोजित कराने की मांग कर रहे थे।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Jul 23, 2024 17:44
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सुप्रीम कोर्ट

NEET Paper Leak Case: नीट पेपर लीक मामले में दोबारा परीक्षा आयोजित कराए जाने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। शीर्ष अदालत ने दोबारा परीक्षा आयोजित न करने का फैसला सुनाया है।  रिपोर्ट्स के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह तय है कि पेपर लीक हुआ है। हजारीबाग में पेपर लीक हुआ था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि परीक्षा में खामी के पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं। दोबारा परीक्षा कराने की मांग सही नहीं है। इससे छात्रों पर गलत असर पड़ेगा।

हालांकि, नीट परीक्षा का रिजल्ट फिर से घोषित किया जाएगा। ऐसा पेपर में पूछे गए उस सवाल को लेकर हुआ है जिसके 2 सही जवाब थे। कोर्ट ने आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट के मुताबिक ऑप्शन 4 को सही मानकर दोबारा रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि परीक्षा रद्द करने के गंभीर परिणाम होंगे। करीब 24 लाख बच्चों के भविष्य का सवाल था। इससे एडमिशन प्रक्रिया में विलंब होता। इसका असर मेडिकल एजुकेशन, हाशिये पर खड़े कैंडिडेट्स और भविष्य में डॉक्टरों की संख्या पर भी पड़ता।

1 सवाल के लिए एक्सपर्ट कमेटी

इससे पहले सोमवार को नीट एग्जाम में उस सवाल पर चर्चा हुई थी जिसके 2 सही जवाब थे। एक याचिका में कहा गया था कि जिन लोगों ने इस सवाल का उत्तर दिया है उन्हें अंक मिले हैं। याचिका दाखिल करने वाले छात्र ने कहा कि मुझे सवाल का सही उत्तर पता था लेकिन भ्रम की स्थिति बनने से मैंने उसे छोड़ दिया। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर में एक एक्सपर्ट कमेटी गठित कर इस सवाल का सही जवाब निर्धारित करने का निर्देश दिया था। इसके लिए मंगलवार की दोपहर तक का समय शीर्ष अदालत ने दिया था।

सुनवाई के दौरान ड्रामा भी हुआ

इस दौरान कोर्टरूम ड्रामा भी देखने को मिला। 16 छात्रों की याचिकाएं रीप्रेजेंट कर रहे एडवोकेट मैथ्यूज नेदुंपारा और मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के बीच बहस हो गई। यह तब हुआ जब नेदुंपारा ने सीनियर एडवोकेट नरेंद्र हुड्डा की दलील के दौरान दखल देने की कोशिश की। हुड्डा याचिकाकर्ता छात्रों के एक अन्य समूह को प्रेजेंट कर रहे हैं। नेदुंपारा बार-बार कह रहे थे कि उनकी बात ठीक से नहीं सुनी गई है। मुख्य न्यायाधीश ने ऐसा करने से मना भी किया लेकिन तब नहीं माने तो नेदुंपारा को अदालत से निकल जाने का आदेश दे दिया।

First published on: Jul 23, 2024 05:08 PM

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