---विज्ञापन---

मेघालय: यहां न बोली न भाषा, अनोखे तरीके संवाद करते हैं लोग, इस गांव के बारे में जानकर हैरान रह जाएंगे आप

नई दिल्ली: भारत में कई दर्शनिय स्थल हैं। कोंगथोंग गांव उनमें से एक है। शिलांग, मेघालय से लगभग 60 किमी दूर स्थित यह अनोखा गांव, 700 से अधिक लोगों की आबादी वाला है। ये पूर्वी खासी हिल्स जिले में स्थित है। प्रकृति के सुरम्य दृश्यों से घिरे कोंगथोंग के निवासियों के पास वास्तव में ऐसी […]

Edited By : Gyanendra Sharma | Updated: Feb 21, 2023 15:44
Share :
Meghalaya's
Meghalaya's

नई दिल्ली: भारत में कई दर्शनिय स्थल हैं। कोंगथोंग गांव उनमें से एक है। शिलांग, मेघालय से लगभग 60 किमी दूर स्थित यह अनोखा गांव, 700 से अधिक लोगों की आबादी वाला है। ये पूर्वी खासी हिल्स जिले में स्थित है।

प्रकृति के सुरम्य दृश्यों से घिरे कोंगथोंग के निवासियों के पास वास्तव में ऐसी भाषा नहीं है जो विशेष रूप से शब्दों का उपयोग करती हो। वास्तव में स्थानीय लोग एक दूसरे को संदेश भेजने के लिए सीटी बजाते हैं या किसी प्रकार की गायन विधि का उपयोग करते हैं। गांव के निवासियों के बारे में एक और दिलचस्प तथ्य यह है कि प्रत्येक व्यक्ति की अपनी अनूठी धुन होती है।

---विज्ञापन---

अनोखी धुन के बात करते हैं लोग

एक ग्रामीण, फिवस्टार खोंगसित ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि यहां के ग्रामीण एक-दूसरे को एक अनोखी धुन के साथ बुलाते हैं। यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है। कोंगथोंग के ग्रामीणों ने इस धुन को जिंगरवाई लॉबेई कहा है, जिसका अर्थ है कबीले की पहली महिला का गीत।

हर व्यक्ति के पास अपनी अगल धुन

इस गाव के ग्रामीण ने बताया कि इस गांव में लगभग 700 लोग रहते हैं, इसलिए हमारे पास लगभग 700 अलग-अलग धुन हैं। एक गीत है, लेकिन दो अलग-अलग तरीके हैं एक पूर्ण गीत या धुन और छोटी धुन। यदि एक व्यक्ति मर जाता है तो उसका गीत या धुन भी मर जाएगी, वह गीत या धुन का फिर कभी उपयोग नहीं किया जाएगा।

मेघालय का व्हिस्लिंग गांव आश्चर्यजनक है

इस परंपरा ने स्थानीय लोगों को पीढ़ियों से एक दूसरे के साथ लंबी दूरी के संचार में मदद की है। यह काफी आश्चर्यजनक है कि ग्रामीणों ने इस परंपरा को इतने सालों तक कैसे जीवित रखा है। यदि आप भारत के पूर्वोत्तर भाग में जाने के लिए एक ऐसी जगह की तलाश कर रहे हैं जो आपको शहर के जीवन से छुट्टी दे, तो मेघालय का व्हिस्लिंग गांव आपकी बकेट लिस्ट में होना चाहिए।

HISTORY

Written By

Gyanendra Sharma

First published on: Feb 21, 2023 03:44 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें