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कहीं बच्चे की लाश, हाथ जोड़ गिड़गड़ाते लोग…वायनाड में तबाही झेलने वालों की आपबीती

Landslide Survivors Horrible Condition: केरल के वायनाड में लैंडस्लाइड के बाद तबाही की कहानी पीड़ितों की जुबानी सुनेंगे तो कलेजा मुंह को आ जाएगा। बचाव अभियान चलाते हुए लोगों ने जो देखा, उसके बारे में बताते हुए वे खुद फूट-फूट कर रो पड़े।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Jul 31, 2024 13:26
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Kerala Wayanad Landslide Survivors

Wayanad Landslide Survivors Emotional Story: लोग नींद के आगोश में थे, इस बात से बिल्कुल बेखबर कि बाहर हो रही बारिश उन पर कहर बरतपाने वाली है। सुबह का सूरज वे देख नहीं पाएंगे। मौत उन्हें लेने के लिए आ रही है। अचानक पहाड़ दरके, जोरों से बादल गरजे और मिट्टी के साथ पानी आया, सब कुछ अपने साथ बहा ले गया। चारों ओर चीख पुकार मची थी। जान बचाने की जद्दोजहद थी। जो बच गए, वे बचाने के लिए दौड़े आए तो मारे गए। 165 लोगों की लाशें अभी तक मलबे से मिल चुकी हैं और 200 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। 3000 से ज्यादा लोग राहत शिविरों में हैं।

 

सामाजिक कार्यकर्ता ने आंखों से देखा खौफनाक मंजर

सुबह होते-होते मिट्टी और पानी सब बर्बाद कर चुके थे। जहां कभी घर-गलियां थे, गाड़ियां पार्क थी, वहां सिवाय पानी और मिट्टी के कुछ नजर नहीं आया। देखने का मिला तो कहीं बच्चों, महिलाओं की लाशें थीं। किसी का धड़, किसी का सिर था। कहीं पेड़ से लटके लोग थे, जो हाथ जोड़ मदद के लिए गिड़गिड़ा रहे थे। यह खौफनाक मंजर देखने को मिला, केरल के वायनाड जिले के नीलांबुर शहर के 4 गांवों मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में, जिसे सामाजिक कार्यकर्ता जयप्रकाश नीलांबुर ने अपनी आंखों से देखा और उसके बारे में बताते हुए वे रो पड़े। उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर बचाव अभियान चलाया।

 

मुंडक्कई और चालियार नदी ने रास्ते बदले

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जयप्रकाश नीलांबुर भूस्खलन होने से मुंडक्कई और चालियार नदियों ने रास्ते बदल लिए, इसलिए चारों गांव डूब गए। चूरालमाला और पोथुकल्लू के बीच घना जंगल है। उसमें से पानी बहता हुआ आगे गया है, जो अपने साथ लोगों को बहाकर ले गया। नीलांबुर वन क्षेत्र में कोई भूस्खलन नहीं हुआ, बल्कि वहां मुंडक्कई में हुए भूस्खलन के पीड़ितों के शव हैं। चेलियार नदी वायनाड से गुजरते हुए मलप्पुरम जाती है। बीच में एक बड़ा और कुछ छोटे-छोटे झरने हैं।

ऐसे में पानी लोगों को बहाकर ले गया तो मलप्पुरम तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ेगा। पोथकुल्लू इलाके में लोगों के घर, गाड़ियां, शव, शरीर के अंग बहते देखे गए। एक बचाव दल ने कुनिप्पला इलाके में 3 साल के बच्चे की झाड़ियों में फंसी लाश देखी। 10 मिनट बाद एक और शव मिला। नदी में 2 किलोमीटर के दायरे में ही करीब 50 लाशें मिलीं। एक का सिर कटा हुआ था। दूसरे का निचला हिस्सा नहीं था। लाशों के बीच एक शख्स मदद के लिए बिलख रहा था।

 

एक महिला दलदल में फंसी मदद मांग रही थी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चूरलमाला शहर में एक महिला पानी में फंसी थी। वह जोर-जोर से चिल्ला रही थी। एयरफोर्स का हेलीकॉप्टर ऊपर से गुजरा तो वह हाथ-पैर मारने लगी। जवानों की नजर पड़ी तो वे उसे निकालने के लिए नीचे आए। उन्हें देखकर महिला हाथ जोड़कर बोली कि बचा लीजिए, नहीं तो वह पानी में डूब जाएगी। परिवार को खो चुकी है, घर भी नहीं बचा। उसने कहा कि उसके घर में कोई फंसा है, उसे भी बचा लीजिए। सेना के जवान गए, लेकिन वे शख्स को बचा नहीं पाए। महिला दलदल में फंसी थी, लेकिन उसकी हिम्मत के चलते एयरफोर्स के जवान उसे निकालने में कामयाब रहे।

First published on: Jul 31, 2024 01:02 PM

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