पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से तनाव के बीच भारत ने शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीदने का फैसला किया है। इसके बाद भारत का एयर डिफेंस सिस्टम और भी मजबूत हो जाएगा। भारतीय सेना ने दुश्मन के विमानों, हेलीकॉप्टरों और ड्रोन को मार गिराने के लिए नेक्स्ट जेनरेशन के वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम्स की खरीद की प्रक्रिया शुरू की है। शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम से लॉन्च किए जाने वाले मिसाइलों की मारक क्षमता कम दूरी की होती है और इससे दुश्मन के विमानों को सटीकता से गिराया जा सकता है।
रक्षा मंत्रालय ने जारी किए टेंडर
सरकार ने सेना के लिए कम दूरी तक मार करने वाली नई एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम (VSHORADS) की खरीद की तैयारी शुरू कर दी है। रक्षा मंत्रालय ने इसके लिए टेंडर (RFP) जारी कर दिया है। टेंडर भरने की आखिरी तारीख 20 मई 2025 रखी गई है। रक्षा मंत्रालय ने 48 लॉन्चर, 48 नाइट विजन साइट, 85 मिसाइल और 1 मिसाइल टेस्टिंग स्टेशन खरीदने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जारी किया है।
Ministry of Defence issues RFI to procure Next-Gen Very Short Range Air Defence System (VSHORADS-NG):
The Requirement includes:
---विज्ञापन---• 48 Launchers
• 48 Night Vision Sights
• 85 Missiles
• 01 Missile Test Station pic.twitter.com/yM5qbQgKW4— Defence Core (@Defencecore) May 3, 2025
VSHORADS सिस्टम कैसे काम करता है?
यह डिफेंस मिसाइल सिस्टम 24 घंटे, किसी भी मौसम में दुश्मन के विमानों, हेलीकॉप्टरों और ड्रोन को मार गिराने में सक्षम है। इतना ही नहीं यह हाई एल्टीट्यूड एरिया, प्लेन एरिया, रेगिस्तान, तटीय इलाकों के साथ-साथ समुद्री इलाकों में भी कारगर होंगे। यह खरीद प्रक्रिया पूरी तरह से ‘मेक इन इंडिया’ के तहत होगी। रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी हालिया आरएफपी ने इन प्रणालियों को हवाई खतरों के बीच टर्मिनल और पॉइंट डिफेंस के लिए आवश्यक बताया है। इनका इस्तेमाल न केवल सेना द्वारा किया जाएगा बल्कि नौसेना और वायु सेना द्वारा भी किया जाएगा।
एयर डिफेंस क्षमता से कैसे होगी सेना मजबूत?
- भारतीय सेना ने कहा है कि जो एयर डिफेंस सिस्टम खरीदे जाएंगे, उसकी मारक क्षमता कम से कम 500 मीटर से लेकर अधिकतम 6000 मीटर से ज्यादा होगी।
- इस मिसाइल सिस्टम के डेमो दिखाने की जिम्मेदारी कंपनियों की होगी और यह बिना किसी लागत के किया जाएगा।
- इस सिस्टम का इस्तेमाल सेना की एयर डिफेंस क्षमता को मजबूत करने के लिए किया जाएगा।
- रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस टेंडर की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की जाएगी और सिर्फ वही कंपनियां चुनी जाएंगी जो तकनीकी और व्यावसायिक दोनों स्तर पर सभी मानकों पर खरी उतरेंगी।
शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम की क्या है खासियत?
- शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस (SHORAD) एक प्रकार का एयर डिफेंस सिस्टम है जो कम दूरी पर, कम ऊंचाई पर उड़ने वाले खतरों को रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
- वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस (VSHORAD) सबसे कम दूरी का एयर डिफेंस सिस्टम है, जो मैन-पोर्टेबल होता है और इसे कहीं भी ले जाया जा सकता है। VSHORAD का उपयोग कम दूरी पर उड़ने वाले हवाई खतरों को बेअसर करने के लिए किया जाता है, जैसे कि ड्रोन, हल्के विमान और हेलीकॉप्टर।
- इसका उपयोग आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन के लिए भी किया जा सकता है, क्योंकि यह कम दूरी पर उड़ने वाले हवाई खतरों को बेअसर कर सकता है।
- यह सिस्टम सीमा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दुश्मन के हवाई खतरों को बेअसर कर सकता है।
- इनकी अधिकतम सीमा 8 किलोमीटर है और ये 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित लक्ष्यों को भेद सकती हैं।