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हथिनीकुंड बैराज के दिल्ली के लिए क्या मायने? नाम के पीछे की कहानी और क्यों बना आफत?

Hathnikund Barrage Story Yamuna River Water Level: हरियाणा सरकार के द्वारा हथिनीकुंड बैराज खोलने के बाद दिल्ली पर बाढ़ पर खतरा मंडरा रहा है। यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। आइए जानते क्या है हथिनीकुंड बैराज की कहानी?

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Aug 2, 2024 13:13
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Hathnikund Barrage Story Yamuna River Water Level: पहाड़ों पर भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर बह रही हैं। अब यमुना नदी का जल स्तर भी बढ़ने लगा है। यमुना नदी में बढ़ते पानी के कारण हथिनीकुंड बैराज के दरवाजे खोले जा रहे हैं। ऐसे में राजधानी दिल्ली में भी बाढ़ आने का खतरा बन गया है। दिल्ली से लगभग 250 किलोमीटर दूर हथिनीकुंड बैराज राजधानी में बाढ़ की वजह बन सकता है। आइए हम आपको इस बांध से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताते हैं।

क्यों बढ़ा यमुना का जलस्तर?

हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर मौजूद हथिनीकुंड बैराज यमुना का जलस्तर निर्धारित करता है। बीते दिन हरियाणा सरकार ने हथिनीकुंड बैराज खोल दिया, जिसके बाद 15102 क्यूसेक पानी प्रति सेकेंड यमुना नदी में आ रहा है। इससे पहले हथिनीकुंड बैराज से सिर्फ 352 क्यूसेक पानी प्रति सेकेंड नदी में छोड़ा जा रहा था और इससे यमुना का जल स्तर घट कर महज 228.1 मीटर बचा था, मगर अब यमुना नदी के बढ़ते जल स्तर से दिल्ली पर भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।

हथिनीकुंड बैराज का इतिहास

यमुनोत्री ग्लोशियर से निकलने वाली यमुना नदी कई किलोमीटर तक उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश का बॉर्डर क्रॉस करते हुए पहाड़ों से नीचे उतरती है। इस दौरान यमुना नदी की रफ्तार काफी तेज होती है। हालांकि हरियाणा में एंट्री करते ही यमुना मैदानी इलाकों में आ जाती है और यहां बना हथिनीकुंड बैराज इसके पानी की गति को कंट्रोल करता है। 168 करोड़ की लागत से बना यह बैराज 1996-1999 के बीच बनकर तैयार हुआ। 2002 में हथिनीकुंड बैराज काम करने लगा था। हथिनीकुंड बैराज 10 लाख क्यूसेक पानी इक्ट्ठा कर सकता है।

कैसे पड़ा हथिनीकुंड बैराज का नाम?

हथिनीकुंड बैराज के नाम की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। स्थानीय लोगों के अनुसार, कभी यहां हथिनी (मादा हाथी) रहा करती थी। वह हर रोज सुबह-सुबह यमुना के पानी में नहाने आती थी। उसी के नाम पर इस बैराज को ‘हथिनीकुंड’ नाम दिया गया था।

3 भागों में बंटा यमुना का पानी

हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी 3 अलग-अलग हिस्सों में बंट जाती है। इसका पहला हिस्सा यमुना कैनाल में जाता है। इस कैनाल की मदद से हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान में पानी की आपूर्ति की जाती है। दूसरा हिस्सा उत्तर प्रदेश में जाता है, जिससे बड़े पैमाने पर खेतों की सिंचाई होती है। वहीं तीसरे हिस्से का पानी मुख्य यमुना नदी में छोड़ा जाता है।

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Written By

Sakshi Pandey

First published on: Aug 02, 2024 12:51 PM

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