Guwahati News: नारियल पानी के दुकानदार से समझें कैसे करें बचत? सिक्के जुटाकर बाइक का सपना किया पूरा

Guwahati News: असम के डारंग जिले के नारियल पानी की दुकान चलाने वाले शख्स का सपना था कि उसके पास अपनी बाइक हो।

Guwahati News: असम के डारंग जिले के नारियल पानी की दुकान चलाने वाले शख्स का सपना था कि उसके पास अपनी बाइक हो। उसने कहा कि कभी मैंने सोचा नहीं था कि ऐसा कभी हो पाएगा, लेकिन पांच से छह साल तक मैंने सिक्के जुटाकर इस सपने को पूरा कर ली लिया।

मामला सिपाझर इलाके का है। यहां के रहने वाला मोहम्मद सैदुल हक जब सिक्कों से भरी बोरी कंधे पर लेकर शोरूम पहुंचे तो उनकी चर्चा होने लगी। टूव्हीलर शोरूम के मालिक ने कहा कि जब मेरे एक्जीक्यूटिव ने मुझे बताया कि एक ग्राहक हमारे शोरूम में 90,000 रुपये के सिक्कों के साथ एक स्कूटर खरीदने आया है तो मैं आश्चर्य में पड़ गया लेकिन मुझे खुशी भी हुई, क्योंकि मैंने टीवी पर ऐसी खबरें देखी थीं।

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टूव्हीलर शोरूम के मालिक ने कहा कि मैं चाहता हूं कि मोहम्मद सैदुल हक भविष्य में फोरव्हीलर खरीदें। वहीं, मोहम्मद सैदुल हक ने कहा कि मैं बोरागांव इलाके में एक छोटी सी दुकान चलाता हूं और स्कूटर खरीदना मेरा सपना था। मैंने 5-6 साल पहले सिक्के जमा करना शुरू किया था। आखिरकार, मैंने अपना सपना पूरा कर लिया है। मैं अब वास्तव में खुश हूं।

आखिर सिक्के जुटाकर कैसे खरीदी बाइक? समझें मैनेजमेंट

सैदुल ने अपनी सपनों की बाइक खरीदने के लिए 1 रुपये, 2 रुपये, 5 रुपये और 10 रुपये के सिक्के जुटाए थे। सैदुल हर दिन दुकान की आमदनी का एक हिस्सा बचा लेता था। इस तरह सैदुल ने करीब छह साल तक धैर्यपूर्वक अपने सपनों की गाड़ी खरीदने के लिए पैसे बचाए और अंत में वह दिन आ गया।

सैदुल खुदरा सिक्कों को कंधे पर बोरी में रखकर बाइक के शोरूम में आया। सैदुल ने कार शोरूम में पैसे जमा किए और अपने सपनों की बाइक खरीदी। युवक ने छह साल में 90 हजार रुपए बचाकर अपना पुराना सपना पूरा किया। सैदुल ने बचत के पैसों से Honda Dio खरीदी है।

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शोरूम के कर्मचारियों ने खुशी-खुशी सिक्के गिनने में की मदद

सैदुल के बोरे में सिक्के लेकर शोरूम पहुंचने के बाद शोरूम के कर्मचारियों ने खुशी-खुशी सिक्के गिनने में उसकी मदद की। सिक्के गिनने के बाद चमचमाती होंडा डियो की चाभी सैदुल को सौंप दी गई।

सैदुल अब अपना सपना पूरा होने से खुश है। शोरूम के कर्मचारियों ने कहा कि वे सैदुल जैसा ग्राहक पाकर खुश हैं। उनका कहना है कि उन्होंने पहले भी अखबारों या मीडिया में ऐसी घटनाओं के बारे में सुना है, लेकिन उन्हें अपनी आंखों से देखकर वाकई खुशी होती है।

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