पटना: बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को विपक्षी दलों का महाजुटान होने वाला है। इस बैठक में 17 राजनीतिक दल हिस्सा लेंगे। नीतीश कुमार 2024 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुटे हैं। मकसद पीएम मोदी को सत्ता से बेदखल करने का है। इस बीच 23 जून को पटना में होने विपक्षी पार्टियों की बैठक का पूरा शेड्यूल तय हो गया है। मुख्यमंत्री आवास एक अण्णे मार्ग में बैठक होगी। इसके लिए एक अण्णे मार्ग के संवाद कक्ष का चयन किया गया है। देश भर के विपक्षी नेता 5 घंटे तक वहीं बैठ कर बीजेपी के खिलाफ रणनीति बनाने पर विचार करेंगे।
बैठक का शेड्यूल –
बैठक की शुरूआत दिन के 11 बजे हो जायेगी। शाम के चार बजे तक बैठक चलेगी। हालांकि बीच में लंच भी रखा गया है। पूरा कार्यक्रम लगभग पांच घंटे का है। लेकिन बैठक चार घंटे तक ही चलेगी। बैठक में कौन कब और क्या बोलेगा इसकी सूची तैयार कर ली गयी है। बैठक में पहले नीतीश कुमार बोलेंगे। नीतीश बतायेंगे कि विपक्षी एकता क्यों जरूरी है। बैठक की शुरूआत नीतीश कुमार के की-नोट से होगी। वे बैठक में शुरू में बतायेंगे कि विपक्षी एकता क्यों जरूरी है। नीतीश कुमार का भाषण तैयार हो गया है। उसमें बताया जायेगा कि देश किन-किन बड़ी समस्याओं से जूझ रहा है। मंहगाई और बेरोजगारी के मसले पर केंद्र सरकार कैसे फेल हो गयी है। इसके साथ ही कैसे संविधान को बदलने की कोशिशकी जा रही है। ऐसे में विपक्षी दलों कैसे आपस में मिल कर बीजेपी को परास्त कर सकते हैं।
नीतीश के बाद खरगे का भाषण
नीतीश कुमार के प्रारंभिक भाषण के बाद सबसे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बोलेंगे। वे विपक्षी एकता में कांग्रेस के रोल पर चर्चा करेंगे। खरगे ये बतायेंगे कि कांग्रेस किन राज्यों में भाजपा के खिलाफ विपक्ष का साझा उम्मीदवार उतारने पर तैयारी कर रही है।
ममता बनर्जी का भी होगा खास संबोधन
दरअसल पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने ही ये सुझाव दिया था कि पटना में विपक्षी दलों की बैठक की जाये। जिस विपक्षी गठबंधन की बात की जा रही है उसमें कांग्रेस के बाद ममता बनर्जी की पार्टी ही सबसे बडी पार्टी है। ऐसे में ममता बनर्जी को बोलने का पर्याप्त समय दिया जायेगा। हालांकि बैठक में तीन और मुख्यमंत्री बोलेंगे। तमिलनाडु के सीएम एम।के। स्टालिन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन भी अपनी बात रखेंगे।
केजरीवाल उठायेंगे दिल्ली का मुद्दा
माना जा रहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल इस बैठक में दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना का मुद्दा उठायेंगे। वे देश भर की पार्टियों से राज्यसभा में केंद्र सरकार के इस अधिसूचना का विरोध करने की अपील कर रहे हैं। केजरीवाल ने कांग्रेस के समर्थन के लिए राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से मिलने का समय मांगा था लेकिन दोनों ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया। ऐसे में केजरीवाल इस बैठक में अपनी बात कहने का मौका नहीं चूकेंगे।
पवार, ठाकरे और अखिलेश भी देंगे सुझाव
बैठक में एनसीपी नेता शरद पवार, सपा के अखिलेश यादव और शिव सेना(उद्धव बाला साहब ठाकरे) के नेता उद्धव ठाकरे भी अपनी बात रखेंगे। वे अपने राज्यों में विपक्षी एकता पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा सीपीएम और सीपीआई के नेता भी देश में विपक्षी एकता कायम करने पर अपना सुझाव देंगे।
राहुल गांधी को खास तवज्जो
बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को खास तवज्जो दिया जा रहा है। राहुल गांधी का भाषण सबसे आखिर में होगा। राजनीतिक कार्यक्रमों में सबसे कद्दावर नेता का भाषण सबसे आखिर में होगा। इस बैठक में राहुल गांधी सबसे अंत में बोलेंगे। सारी पार्टियों की राय जानने के बाद वे बतायेंगे कि कांग्रेस क्या कर सकती है।
22 जून से आने लगेंगे नेता
महागठबंधन सूत्रों के मुताबिक 22 जून से विपक्षी नेता पटना पहुंचने लगेंगे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 22 जून की शाम पटना पहुंच जायेंगी। उनकी ओर से आधिकारिक तौर पर ये जानकारी दी जा चुकी है। विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं के रूकने का इंतजाम राजकीय अतिथिशाला में किया गया है। वहीं, उनके साथ आने वाले लोगों को पटना सर्किट हाउस में रखा जायेगा।