TrendingSalman KhanNavratri 2024lok sabha election 2024IPL 2024UP Lok Sabha ElectionNews24PrimeBihar Lok Sabha Election

---विज्ञापन---

अधर में लटका यूक्रेन से लौटे मेडिकल स्टूडेंट्स का भविष्य, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को पोर्टल बनाने का दिया निर्देश।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों का दूसरे देशों में एडमिशन आसान करने के लिए केंद्र सरकार को पोर्टल बनाने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सलाह दी कि सरकार एक ऐसा पोर्टल बनाए जिसपर यूरोप के अलग अलग मेडिकल यूनिवर्सिटीज में खाली सीटों की जानकारी हो […]

Edited By : Prabhakar Kr Mishra | Updated: Feb 23, 2024 23:25
Share :

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों का दूसरे देशों में एडमिशन आसान करने के लिए केंद्र सरकार को पोर्टल बनाने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सलाह दी कि सरकार एक ऐसा पोर्टल बनाए जिसपर यूरोप के अलग अलग मेडिकल यूनिवर्सिटीज में खाली सीटों की जानकारी हो ताकि टूर ऑफ स्टडी के तहत ऐसे स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 23 सितंबर को फिर सुनवाई करेगा।

अभी पढ़ें उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका, 12 राज्यों के शिवसेना अध्यक्ष शिंदे कैंप में शामिल

सुनवाई के दौरान एक स्टूडेंट के वकील ने दलील दी कि ये स्टूडेंट्स जेनेवा कन्वेंशन के तहत वॉर विक्टिम की श्रेणी में आते हैं। इसलिए ये विशेष रियासत के हकदार हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस मांग का विरोध करते हुए कहा इन्हें वॉर विक्टिम कहा जाना सही नहीं है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि तीन तरह के छात्र हैं, जिन्हें यूक्रेन से वापस लाया गया। एक वे जिन्होंने अपनी डिग्री पूरी कर ली थी उनके लिए सरकार ने राजनयिक चैनलों का उपयोग करके अनुरोध किया है कि उनकी डिग्री दी जा सकती है ताकि वे यहां निवास कर सकें। दूसरे छात्र वे जो अंतिम वर्ष में थे, सरकार ने एक प्रावधान किया है कि वे अंतिम वर्ष ऑनलाइन पढाई कर सकते हैं। तीसरा वर्ग उन छात्रो का है जो फस्ट ईयर के हैं जिनकी ऑनलाइन पढाई नहीं हो सकती है। सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि इस सम्बंध में एक संपर्क अधिकारी नियुक्त किया गया है।

अभी पढ़ें पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने किया ‘अंबेडकर एंड मोदी: रिफॉर्मर्स आइडियाज, परफॉर्मर्स इम्प्लीमेंटेशन’ पुस्तक का विमोचन

सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा था कि इन्हें भारत के कॉलेज में दाखिला देना संभव नहीं। वह यूक्रेन के कॉलेज से सहमति ले दूसरे देश में डिग्री पूरी कर सकते हैं। सरकार ने हलफनामे में कहा था कि ये वो छात्र हैं जो या तो NEET में कम अंक के चलते वहां गए थे या सस्ती पढ़ाई के लिए गए थे। इनका भारत मे दाखिला कानूनन संभव नहीं है। केंद्र ने कहा था कि यह देश में चिकित्सा शिक्षा के मानकों को भी गंभीर रूप से बाधित करेगा।

अभी पढ़ें – देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें

Click Here – News 24 APP अभी download करें

(https://www.stocktargetadvisor.com/)

First published on: Sep 16, 2022 06:15 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

---विज्ञापन---

संबंधित खबरें
Exit mobile version