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‘चीन को इससे कोई मतलब नहीं होना चाहिए’, भारत के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास पर बोला अमेरिका

India US Military Exercise: उत्तराखंड के औली में भारत-अमेरिका के संयुक्त सैन्य अभ्यास पर चीन की आपत्तियों को लेकर अमेरिका ने दो टूक जवाब दिया है। अमेरिका ने कहा है कि इस सैन्य अभ्यास से चीन को कोई मतलब नहीं होना चाहिए। शुक्रवार को पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए अमेरिकी राजदूत एलिजाबेथ जोन्स ने […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Dec 5, 2022 15:10
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India US Military Exercise: उत्तराखंड के औली में भारत-अमेरिका के संयुक्त सैन्य अभ्यास पर चीन की आपत्तियों को लेकर अमेरिका ने दो टूक जवाब दिया है। अमेरिका ने कहा है कि इस सैन्य अभ्यास से चीन को कोई मतलब नहीं होना चाहिए। शुक्रवार को पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए अमेरिकी राजदूत एलिजाबेथ जोन्स ने ये बातें कही।

बता दें कि भारत और अमेरिकी की सेना जहां ज्वाइंट मिलिट्री ड्रील कर रही है, वह जगह चीन की सीमा से मात्र 100 किलोमीटर की दूरी पर है। मिलिट्री ड्रील को लेकर चीन ने आपत्ति जताई थी और कहा था कि ये दो सीमा समझौतों की भावना का उल्लंघन करता है। चीन की इस आपत्ति के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को प्रतिक्रिया दी और कहा कि भारत जिसके साथ चाहे अभ्यास कर सकता है और हम किसी तीसरे देश को इसमें हस्तक्षेप की इजाजत नहीं देते।

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अरिंदम बागची बोले- संयुक्त अभ्यास का समझौतों से कोई लेना-देना नहीं

मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि संयुक्त अभ्यास का चीन के साथ 1993 और 1996 के समझौतों से कोई लेना-देना नहीं है। बागची ने इस मुद्दे पर सवालों के जवाब में कहा, “चूंकि ये चीनी पक्ष द्वारा उठाए गए थे, इसलिए मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि चीनी पक्ष को 1993 और 1996 के इन समझौतों के अपने स्वयं के उल्लंघन के बारे में सोचने की जरूरत है।”

भारत वर्तमान में वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगभग 100 किलोमीटर दूर उत्तराखंड में अमेरिका के साथ अपना 18वां संयुक्त सैन्य अभ्यास “युद्ध अभ्यास” कर रहा है। इसका उद्देश्य शांति स्थापित करना, आपदा राहत कार्यों में दोनों सेनाओं के बीच पारस्परिकता को बढ़ाना और विशेषज्ञता साझा करना है। दो हफ्ते तक चलने वाला यह युद्धाभ्यास हाल में शुरू हुआ है.

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First published on: Dec 03, 2022 10:51 AM

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