5. दुनिया ने हमारे ज्ञान और विज्ञान को माना
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत ने सदियों से दुनिया को एक राह दिखाई है। भारत के ज्ञान और विज्ञान का लोहा दुनिया ने मामना है। इतना ही नहीं आने वाली सदियों में भी भारत दुनिया को राह दिखाएगा। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने कहा कि कश्मीर में स्थायी शांति के लिए हमारी सरकार ने प्रभावी कदम उठाए। विकास की गति के बाद आतंकवाद पर कड़ा प्रहार किया है।
6. भारत की ओर से उम्मीदों से देख रही है दुनिया
अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति ने कहा कि आज की दुनिया कई चुनौतियों से गुजर रही है। इन परिस्थितियों में भारत एक ऐसा देश बनकर उभर रहा है, जो दुनिया के विभाजित देशों को जोड़ रहा है। इसलिए आज दुनिया भारत को उम्मीद से देख रही है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि सरकार की नई पहलों के परिणामस्वरूप हमारा रक्षा निर्यात छह गुना बढ़ गया है। मुझे गर्व है कि आज आईएनएस विक्रांत के रूप में पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर हमारी नौसेना में शामिल है।
7. मेडिकल के क्षेत्र में हम आत्मनिर्भरता की ओर
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने अपने कार्यकाल में देशभर में कुल 260 मेडिकल कॉलेज बनाए। आंकड़ों के मुताबिक सरकार ने देश में एक माह एक मेडिकल कॉलेज का निर्माण कराया। भविष्य में 5000 मेडिकल कॉलेज और बनाए जाने की योजना है। सरकार ने लगातार Innovation और Entrepreneurship पर अभूतपूर्व जोर दिया है। आज हमारे युवा दुनिया को अपने इनोवेशन की ताकत दिखा रहे हैं।
8. आध्यत्म (आयोध्या) से आधुनिकता (सेंट्रल विस्टा) की ओर
संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि देश और आध्यात्म और अधुनिकता को एक साथ लेकर चल रहा है। उन्होंने कहा कि देश में एक ओर अयोध्या धाम का निर्माण हो रहा है, तो दूसरी ओर आज देश की आधुनिक संसद भवन का निर्माण भी हो रहा है।
9. गरीब, किसान और इंफ्रास्ट्रक्चर
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि ‘गरीबी हटाओ’ अब सिर्फ एक नारा नहीं रह गया है। सरकार गरीबों की समस्याओं के स्थायी समाधान और उन्हें सशक्त बनाने के लिए काम कर रही है। बीते वर्षों में सरकार ने साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा गरीब लोगों को घर मुहैया कराया है। खेती के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है तो वहीं फसलों की ड्रोन से मैपिंग की जा रही है। व्यापार की परंपरागत विरासत के लिए जलमार्ग का इस्तेमाल किया जा रहा है।
10. वर्ष 2047 तक हो ऐसे राष्ट्र का निर्माण
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने अभिभाषण में कहा कि वर्ष 2047 तक हमें एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है, जो अतीत के गौरव से जुड़ा हो, जिसमें आधुनिकता के सभी स्वर्णिम अध्याय हों। हमें एक ऐसे भारत का निर्माण करना है जो ‘आत्मनिर्भर’ हो और अपने मानवीय कर्तव्यों को पूरा करने में सक्षम हो। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि समाज में भ्रष्टाचारियों के लिए कोई जगह न हो, इसके लिए सामाजिक चेतना बढ़ रही है।