Bangladesh Crisis India’s Biggest Challenge: बांग्लादेश में हिंसा का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अंतरिम सरकार बनने के बावजूद बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमला, मंदिरों में तोड़ फोड़ और आगजनी जैसी खबरें सामने आ रही हैं। बांग्लादेश में मचे हाहाकार के बाद कई लोग अवैध तरीके से भारत में घुसने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार ने भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। BSF के जवान चप्पे-चप्पे पर नजर रख रहे हैं। जाहिर है बांग्लादेश में मचा कोहराम भारत के लिए भी चिंता का विषय बन गया है। खासकर अवैध घुसपैठियों को देश में आने से रोकना सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन सकता है।
1. आबादी में होंगे बदलाव
बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठिये आमतौर पर बॉर्डर के रास्ते पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय और त्रिपुरा जैसे राज्यों में बस जाते हैं। बांग्लादेश बॉर्डर पर कई छोटी-बड़ी नदियों और पहाड़ी इलाकों के कारण घुसपैठियों को रोकना भी मुश्किल हो जाता है। बांग्लादेश में मुस्लिम आबादी अधिक है। ऐसे में भारी संख्या में आने वाले घुसपैठियों की वजह से इन राज्यों में डेमोग्राफी बदलने का भी खतरा रहता है।
2. वोट बैंक पॉलिटिक्स
बॉर्डर पार से आने वाले ये घुसपैठिये कई बार वोट बैंक पॉलिटिक्स का भी हिस्सा बन जाते हैं। कई बार अवैध शरणार्थी स्थानीय नेताओं की मदद से फर्जी दस्तावेज बनाकर वोटर लिस्ट में शामिल हो जाते हैं। इसका असर लोकल पॉलिटिक्स पर भी देखने को मिलने लगता है। हाल ही में रायबरेली से 20 हजार शरणार्थियों के फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए थे। सभी पर लोकसभा चुनाव में फर्जी मतदान करने का आरोप लगा था।
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3. आतंकवाद का खतरा
बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों के साथ आतंकवादी भी भारत की सरहद में प्रवेश कर सकते हैं। बांग्लादेश में तख्तापलट होने से पहले पीएम शेख हसीना ने भी भारत को आगाह किया था। शेख हसीना ने दो टूक शब्दों में कहा कि घुसपैठियों में छिप कर कई आतंकवादी भी बांग्लादेश के रास्ते भारत में जा सकते हैं।
4. खुफिया एजेंट्स की एंट्री
कई मीडिया रिपोर्ट्स में भी दावा किया गया है कि बांग्लादेश में तख्तापलट के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का हाथ है। ऐसे में मुमकिन है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के साथ ISI के खुफिया एजेंट्स भी भारत में अवैध तरीके से एंट्री कर सकते हैं। जाहिर है अगर ऐसा हुआ तो ये देश के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है।
5. गरीबी का संकट
अवैध शरणार्थियों को देश में पनाह देना भारत के लिए आर्थिक संकट पैदा कर सकता है। पश्चिम बंगाल, असम और नॉर्थ ईस्ट राज्यों में अवैध शरणार्थियों के जाने से स्लम एरिया में बढ़ोत्तरी होगी। इसके साथ ये घुसपैठिये राज्य के संसाधनों पर भी कब्जा करेंगे, जिससे पूर्वी राज्यों में गरीबी कम होने की बजाए बढ़ सकती है।
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