26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ था और भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया था।
भारत को आजादी मिली थी 15 अगस्त, 1947 में, लेकिन देश को गणतंत्र घोषित करने में 26 जनवरी, 1950 तक का इंतजार क्यों करना पड़ा
आज गणतंत्र दिवस की परेड राजपथ पर होती है, लेकिन इसकी पहली परेड इर्विन स्टेडियम में हुई थी तो इसको देखने के लिए 15 हज़ार लोग पहुंचे थे
देश 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाता है और इसकी परेड राजपथ पर होती है। लेकिन बहुत ही कम लोगों को यह जानकारी होगी कि इसकी पहली परेड कहां पर हुई थी
26 जनवरी को हर साल गणतंत्र दिवस मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन देश में संविधान लागू हुआ। यह तो सभी जानते हैं, लेकिन बहुत ही कम लोग यह जानते होंगे कि देश में गणतंत्र कितने बजे लागू हुआ और पहला झंडा किसने फहराया था।
आज पूरा देश 70वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस बार आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा हैं
गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले देश के महत्वपूर्ण नागरिक सम्मान पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई है। इसके तहत 4 हस्तियों को पद्म विभूषण, 14 को पद्म भूषण और 94 को पद्मश्री से नवाजा जाएगा। यह अवॉर्ड कला, समाज सेवा, लोक मामलों, विज्ञान व इंजिनियरिंग, व्यापार व उद्योग, मेडिसिन, साहित्य व शिक्षा, खेल, सिविल सेवा आदि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए दिया जा रहा है।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन हस्तियों को देश का सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' देने की घोषणा की है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, नाना जी देशमुख (मरणोपरांत) और डॉ. भूपेन हजारिका (मरणोपरांत) को देश का सर्वोच्च सम्मान दिया जाएगा। तीनों ही नाम काफी बड़े हैं। नानाजी देशमुख ने अपनी जीवन समाजसेवा में समर्पित कर दिया।
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन हस्तियों को देश का सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' देने की घोषणा की है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, नाना जी देशमुख (मरणोपरांत) और डॉ. भूपेन हजारिका (मरणोपरांत) को देश का सर्वोच्च सम्मान दिया जाएगा। तीनों ही नाम काफी बड़े हैं। नानाजी देशमुख ने अपनी जीवन समाजसेवा में समर्पित कर दिया।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन हस्तियों को देश का सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' देने की घोषणा की है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, नाना जी देशमुख (मरणोपरांत) और डॉ. भूपेन हजारिका (मरणोपरांत) को देश का सर्वोच्च सम्मान दिया जाएगा। तीनों ही नाम काफी बड़े हैं। नानाजी देशमुख ने अपनी जीवन समाजसेवा में समर्पित कर दिया। ग्रामीण विकास में उनके योगदान को आज भी याद किया जाता है। मशहूर लोक गायक भूपेन हजारिका असम से ताल्लुक रखते हैं। 8 सितंबर 1926 में भारत के पूर्वोत्तर असम राज्य के सदिया में जन्मे हजारिका ने अपना पहला गाना 10 साल की उम्र में गाया था।