टेंशन से बढ़ते हैं पापा बनने के चांस! नई रिसर्च में चौंकाने वाला दावा; जानिए क्या कहते हैं वैज्ञानिक
How Stress Affects Sperm : अभी तक आपने यही सुना होगा कि तनाव का हमारी रीप्रोडक्टिव हेल्थ पर काफी असर पड़ता है। तनाव का बढ़ा स्तर क्रॉनिक होता है और सेक्सुअल हेल्थ को यह बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। लेकिन, एक नई स्टडी में सामने आया है कि तनाव वाली किसी घटना के बाद स्पर्म का मूवमेंट बेहतर तरीके से होने लगता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कोलेराडो अंशुत्ज मेडिकल कैंपस के रिसर्चर्स की यह स्टडी में बताया गया है कि किस तरह तनाव रीप्रोडक्शन पर असर डालता है और भ्रूण का डेवलपमेंट बेहतर कर सकता है।
पिछले 50 साल के दौरान स्पर्म की क्वालिटी और फर्टिलिटी में गिरावट दर्ज की गई है। इसके पीछे का एक कारण बढ़ते एनवायरनमेंटल स्ट्रेस को भी बताया जाता है। लेकिन रिसर्चर्स अभी तक इस बात को पूरी तरह से नहीं समझ पाए हैं कि ये परिवर्तन स्पर्म को कैसे प्रभावित करते हैं। नेचन कम्युनिकेशंस जर्नल में पब्लिश हुई यह स्टडी बताती है कि तनाव से स्पर्म की फीमेल रीप्रोडक्टिव सिस्टम में एग को फर्टिलाइज करने के लिए मूव करने की क्षमता बेहतर होती है। लेकिन ऐसा तनाव के दौरान नहीं होता। यह तनाव की स्थिति से बाहर आ जाने के बाद होता है।
इस तरह से पड़ता है असर
स्टडी की लीड ऑथर ट्रेली बेल के अनुसार यह रिसर्च दिखाती है कि तनाव के बाद स्पर्म की मूव करने की क्षमता में अच्छा-खासा इजाफा होता है। तनाव से निकलने के बाद इससे बर्थ रेट को बेहतर करने में मदद मिल सकती है। स्पर्म पर तनाव का यह असर इंसानों और जानवरों दोनों पर देखा गया है। स्टडी की फर्स्ट ऑथर डॉ. निकोल मून कहती हैं कि यह बिल्कुल उसी तरह से है जेसे थोड़े से एक्स्ट्रा फ्यूल के साथ कोई कार ज्यादा बेहतर परफॉरमेंस देती है। उन्होंने कहा कि तनाव से हुआ एडजस्टमेंट स्पर्म के एनर्जी प्रोडक्शन और मूवमेंट को काफी बेहतर करता है।
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