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Govinda mera naam review: OTT पर गोविंदा ने पकाई मिक्स वेज, कॉमेडी, थ्रिल, सस्पेंस से भरपूर है ‘गोविंदा नाम मेरा’ फिल्म

Govinda mera naam review: विक्की – कियारा की ‘गोविंदा नाम मेरा’ एंटरटेनमेंट का ‘मिक्स वेज’ है | मतबल पिक्चर देखकर बोलेगा कि ‘हर गोविंदा का दिन बदलता है’। थोड़ा डांस है, थोड़ा मस्ती है, थोड़ा सस्पेंस और बहुत सारा ड्रामा है, यानि कि इस वीकेंड पर गोविंदा नाम मेरा ओटीटी पर टाइम पास का अच्छा […]

Edited By : Niharika Gupta | Updated: Dec 17, 2022 13:21
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Govinda Naam Mera movie review

Govinda mera naam review: विक्की – कियारा की ‘गोविंदा नाम मेरा’ एंटरटेनमेंट का ‘मिक्स वेज’ है | मतबल पिक्चर देखकर बोलेगा कि ‘हर गोविंदा का दिन बदलता है’। थोड़ा डांस है, थोड़ा मस्ती है, थोड़ा सस्पेंस और बहुत सारा ड्रामा है, यानि कि इस वीकेंड पर गोविंदा नाम मेरा ओटीटी पर टाइम पास का अच्छा बहाना है।

टाइम पास मूवी समझते हैं ना, जिसमें थोड़ी कॉमेडी हो, थोड़ा झटका हो, थोड़ा फटका हो, कमर्शियल मसाला हो। ऐसी फिल्में हम थियेटर में देखने के लिए जाते रहे हैं, लेकिन टाइम बदला है। अब थियेटर में कुछ एक्ट्रा-ऑर्डिनरी ही देखने के लिए ऑडियंस पहुंचती है, इस बात का अहसास फिल्म मेकर्स को हो चुका है, तो उन्होने गोविंदा को सीधे ओटीटी के लिए पुश किया, और आपको बिना लाग लपेट के एक बढ़िया मूवी का बहाना दे दिया।

खैर गोविंदा नाम मेरा की कहानी पर आते हैं, इस कहानी में गोविंदा है, उसकी बीवी गौरी है और गोविंदा की गर्लफ्रैंड सुकू है। अब इस ट्रायो का चक्कर ये है कि गोविंदा एक स्ट्रगलर कोरियोग्राफर है, जो बैकग्राउंड डांसर बनकर रह गया है। ज़िंदगी, गोविंदा को झटके मारती है, लेकिन उससे ज़्यादा झटके मारती है उसकी बीवी – गौरी। गोविंदा को गौरी से छुटकारा चाहिए, ताकि वो अपनी डांस पार्टनर सुकू, जो मुंबई में किस्मत बदलने आई है, उसे वो अपनी लाइफ़ में परमानेंटली ला सके। मगर, गौरी को डिवोर्स के बदले में दो करोड़ चाहिए, जो 150 करोड़ के बंगले में रहने वाले गोविंदा के पास है।

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सेंट्रल मुंबई के बीचो-बीच बने इस खंडहर होते बंगले को पूरी तरह से पाने के सपने गोविंदा देख रहा है, उसकी मां आशा देख रही है, जो एक स्टंटमैन से प्यार कर बैठी, गोविंदा की मां बन गई। लेकिन उसकी मौत के बाद पता चला कि गोविंदा के पापा तो पहले से शादी शुदा हैं। अब ये बंगला, उम्मीदों और साजिशों का अड्डा बना हुआ है। इस बीच एक रात का क़त्ल, उसी बंगले आशा निवास में हो जाता है और फिर शुरु होता है, कॉमेडी ऑफ़ एरर के साथ सस्पेंस और झटकों का एक सिलसिला, जिसमें हर किसी के दो चेहरे हैं और वो धीरे-धीरे सामने आने लगते हैं। आशा निवास में हुए मर्डर में, ड्रग लॉर्ड्स की भी एंट्री हो जाती है। ऐसे में गौरी का क़त्ल किसने किया, ड्रग लॉर्ड से चुराई ड्रग कहां और कैसे गायब हुई और आशा निवास पर किसका हक़ हुआ और साथ ही बुरी किस्मत का मारे, बेचारे गोविंदा का क्या हुआ, ये सब आपको एंटरटेन करके रखेगा।

2 घंटे 14 मिनट की गोविंदा नाम मेरा के फर्स्ट हॉफ़ की कहानी में किरदार डेवलप होते हैं, उनके हालात और केमिस्ट्री दिखाई जाती है, जो आपको एंटरटेन तो करती है… लेकिन फिल्म के ट्रैक पर लेकर नही आती। ये अखरता है, लेकिन एक बार गौरी की मौत होती है, तो फिर थ्रिल, कॉमेडी और सस्पेंस का ऐसा चक्कर शुरु होता है, जो आपको हिलने नहीं देता। क्लाइमेक्स में थाइलैंड का सीक्वेंस, ओवर ड्रामैटिक है, लेकिन फिल्म का पूरा फ्लेवर ही ऐसा है। शशांक खेतान ने पूरी फिल्म में कॉमिक फ्लेवर बना रखा है, जो अच्छा है। कहानी कहीं फिसलती नहीं, ये राइटर-डायरेक्टर और प्रोड्यूसर की ट्रिपल ज़िम्मेदारी संभाल रहे शशांक खेतान का प्लस प्वाइंट है।

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गाने अच्छे हैं, ईयर एंड पर ‘बिजली-बिजली’ के साथ ‘पप्पी-झप्पी’ वाला ट्रैक पार्टीज़ में बजेंगे। बिजली-बिजली में रणबीर कपूर का कैमियो अपीयरेंस अच्छा सरप्राइज़ है, जिसे मेंकर्स ने छिपाकर रखा था। ‘क्या बात है 2.0’ लास्ट क्रेडिट्स में है, जो पूरी तरह से प्रमोशनल ट्रैक है। वैसे भी ओटीटी पर ‘दि एंड’ के बाद, क्रेडिट्स खंगालने का चलन नहीं है।

अब आइए परफॉरमेंस पर, तो जिसे जब भी मौका मिला वो गोविंदा नाम मेरा में अपना कमाल दिखाने से नहीं चूका है। विक्की कौशल के लिए पहली कमर्शियल मसाले वाली फिल्म है, जिसमें पूरा डांस-चांस वाला कैरेक्टर है और साथ ही ट्विटस्ट भी अच्छे हैं। विक्की को गोविंदा के किरदार में देखना, रिफ्रेशिंग है। गौरी के किरदार में भूमि पेडनेकर शानदार हैं, परफेक्ट एक्सप्रेशन्स। सुकू बनी कियारा आडवाणी को फर्स्ट हॉफ़ में ग्लैमरस दिखने और डांस स्किल दिखाने का मौका तो मिला है, सेकेंड हॉफ़ में परफॉरमेंस का भी पूरा स्कोप मिला, और कियारा ने इसे हाथ से जाने नहीं दिया। गोविंदा की मां, आशा वाघमरे के किरदार में रेणुका शहाणे ने अपनी टाइमिंग से कमाल कर दिया है। साथ ही इंसपेक्टर जावेद के किरदार में दयानंद शेट्टी के साथ, ड्रग लॉर्ड बने सयाजी शिंदे की परफॉरमेंस भी शानदार है।

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First published on: Dec 16, 2022 05:31 PM

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