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दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक याचिका को लेकर एनटीए से मांगा स्टैंड, जानें क्या है मामला?

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक उम्मीदवार की याचिका पर राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) का रुख मांगा है जिसमें आरोप लगाया गया है कि उसे संयुक्त प्रवेश परीक्षा जेईई एडवांस (JEE Advance) में बेंचमार्क से ऊपर अंक हासिल करने के बावजूद गलत तरीके से ‘अपात्र’ घोषित किया गया है। याचिकाकर्ता ने कहा कि एनटीए […]

Edited By : Niharika Gupta | Updated: Aug 13, 2022 13:39
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नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक उम्मीदवार की याचिका पर राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) का रुख मांगा है जिसमें आरोप लगाया गया है कि उसे संयुक्त प्रवेश परीक्षा जेईई एडवांस (JEE Advance) में बेंचमार्क से ऊपर अंक हासिल करने के बावजूद गलत तरीके से ‘अपात्र’ घोषित किया गया है।

याचिकाकर्ता ने कहा कि एनटीए पोर्टल से डाउनलोड किए गए उसके स्कोर कार्ड के अनुसार, उसने मुख्य परीक्षा के पहले और दूसरे सत्र में 98.79 और 99.23 पर्सेंटाइल हासिल किया था, लेकिन एडवांस परीक्षा के लिए आवेदन करते समय उसने पता चला कि अधिकारियों के अनुसार उनका पर्सेंटाइल 20.767 और 14.64 है।

जानें क्या है पूरा मामला

न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने अभी के लिए याचिकाकर्ता को अग्रिम परीक्षा के लिए आवेदन करने की अनुमति दी, यह स्पष्ट करते हुए कि क्या उसे 28 अगस्त को होने वाली परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी, यह संबंधित दस्तावेजों को देखने के बाद तय किया जाएगा।

अदालत ने एनटीए को मामले में एक संक्षिप्त हलफनामा दायर करने और याचिकाकर्ता की प्रतिक्रिया पत्रक सहित सभी प्रासंगिक रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 18 अगस्त को तिथि तय किया हैं।

अदालत ने 11 अगस्त को अपने आदेश में कहा कि, “अदालत को एक राय बनाने के लिए, प्रतिवादियों को ऊपर उल्लिखित दस्तावेजों को पेश करने का अवसर दिया जाना चाहिए। बता दें, एनटीए को आज से पांच दिनों की अवधि के भीतर याचिकाकर्ता की प्रतिक्रिया पत्रक सहित सभी प्रासंगिक अभिलेखों के साथ उपरोक्त पहलुओं पर एक संक्षिप्त हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया जाता है।”

इसके अलावा यह भी यह जोड़ा कि, “यह स्पष्ट किया जाता है कि न्यायालय ने मामले के मेरिट और डीमेरिट पर कोई राय व्यक्त नहीं की है, यहां तक ​​कि प्रथम दृष्टया आधार पर भी। याचिकाकर्ता द्वारा किसी विशेष इक्विटी का दावा नहीं किया जाएगा या उपरोक्त निर्देशों के आधार पर उसके लाभ के लिए सुनिश्चित नहीं किया जाएग।”

अदालत ने याचिका पर केंद्र को नोटिस भी जारी किया और उसे अपना जवाब दाखिल करने की अनुमति दी।

First published on: Aug 13, 2022 01:38 PM

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