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Success Story of Mugdha Pradhan : मरने के ख्याल आने से लेकर 66 करोड़ की कंपनी तक का सफर, प्रेरणादायक है मुग्धा की कहानी

Success Story of Mugdha Pradhan : iThrive की सीईओ और फाउंडर मुग्धा प्रधान की कहानी प्रेरणादायक है। एक बिजनेसवुमन बनने का सफर इतना आसान नहीं रहा। वह शादी के बाद इतनी डिप्रेशन में आ गई थीं कि मरने के ख्याल तक आने लगे थे। बाद में उन्होंने अपनी कंपनी शुरू की और आज सब कुछ ठीक है।

Edited By : Rajesh Bharti | Updated: May 28, 2024 08:18
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मुग्धा प्रधान का सफर आसान नहीं रहा।

Success Story of Mugdha Pradhan : राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन की मूवी आनंद का एक गाना काफी फेमस है, ‘जिंदगी, कैसी है पहेली हाय…।’ जिंदगी से जुड़ी पहेलियां लगभग हर शख्स के साथ जुड़ी होती हैं। सफल वही होता है जो इन्हें सुलझा लेता है। iThrive की सीईओ और फाउंडर मुग्धा प्रधान की जिंदगी में भी ऐसी ही बहुत सारी पहेलियां थीं। वह इन पहेलियों में इस प्रकार उलझी हुई थीं कि मरने के ख्याल तक मन में आने लगे थे। उन्होंने जिंदगी में उलझी चीजों को सुलझाना शुरू किया और आज 66 करोड़ रुपये की कंपनी चलाती हैं।

पैशन को बनाया करियर

मुग्धा बताती हैं उन्होंने साल 2001 में न्यूट्रिशन कोर्स में पोस्ट ग्रेजुएशन की थी। हालांकि उन्हें न्यूट्रिशनिस्ट बनना शुरू में पसंद नहीं आया और करीब डेढ़ साल बाद कॉरपोरेट जॉब शुरू कर दी। तभी शादी हो गई और फिर घर-गृहस्थी में फंस गईं। ससुराल में आम महिला की तरह उनकी जिंदगी शुरू हो गई। लेकिन मन में था कि कुछ करना है, लेकिन वह घर की जिम्मेदारियों से निकल नहीं पा रही थीं। इससे वह डिप्रेशन में आने लगीं। साल 2010 में उन्हें बेटी हुई। बेटी के साथ समय गुजरा लेकिन डिप्रेशन कम नहीं हुआ। मुग्धा ने बताया कि उनका वजन लगातार बढ़ता जा रहा था। घर में सारी सुविधाएं होने के बावजूद लगता था कि अंदर से कुछ खोखलापन है। जिंदगी के उतार-चढ़ाव को झेलते हुए आखिर वह डिप्रेशन से बाहर निकलीं और अपनी कंपनी बनाई। यह कंपनी फंक्शनल मेडिसिन से जुड़ी है और महिलाओं की हेल्थ के लिए उन्हें न्यूट्रिशन से जुड़ी जानकारी देती है।

मुग्धा प्रधान पहले और अब।

आसान नहीं रहा सफर

मुग्धा बताती हैं कि यहां तक का सफर उनके लिए आसान नहीं रहा। पति की भी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। कभी जॉब लगती तो कभी छूट जाती। इस वजह से भी उनका डिप्रेशन लगातार बढ़ रहा था। इस कारण से साल 2015 में उनका वजन 97 किलो हो गया था और कई तरह की शारीरिक समस्याएं होने लगी थीं। इसी दौरान वह पति और बेटी के साथ कनाडा चली गईं। यहां भी वह खुश नहीं थीं और खुद को अकेला महसूस करती थीं। वह इंडिपेंडेंट होना चाहती थीं। कुछ ऐसा काम करना चाहती थीं जिसमें हर तरफ खुशी हो। जब वह कनाडा गई थीं तो खर्च के लिए शादी में मिली ज्वेलरी भी बेच दी थी। धीरे-धीरे उनकी बचत भी खत्म होने लगी थी। अंत में वह 2017 में बेटी के साथ वापस इंडिया आ गईं। इसी दौरान पति ने तलाक के लिए कोर्ट में केस कर दिया था। साल 2018 में पति से तलाक हो गया।

…और बदल गई दुनिया

इंडिया में आकर भी उनका संघर्ष खत्म नहीं हुआ। शारीरिक परेशानियां भी कम होने का नाम नहीं ले रही थीं। एक दिन उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो देखा जो उनकी लाइफ में बदलाव लेकर आया। इस वीडियो में बताया गया था कि लोगों की बाहरी शारीरिक समस्याएं काफी हद तक शरीर के अंदर से जुड़ी होती हैं। अगर खून की जांच कराई जाए तो इन समस्याओं के बारे में पता चल जाता है। उन्होंने सबसे पहले अपने खून की जांच कराई। जब रिपोर्ट आई तो पता चला कि उनका शरीर बीमारियों का घर बना हुआ था। चूंकि उन्हें न्यूट्रिशन की अच्छी जानकारी थी तो लगभग सारी कमियां खुद ही सही कर लीं। बाद में एक्सरसाइज भी शुरू की। नतीजा यह हुआ कि उन्होंने 8से 10 महीने में ही 37 किलो वजन कम कर लिया था।

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यह काम करती है कंपनी

मुग्धा का जब वजन कम हुआ तो उन्होंने अपनी पुरानी और नई फोटो मिलाकर सोशल मीडिया पर लगाई। लोगों में उत्सुकता हुई कि यह बदलाव कैसे हुआ। लोगों के उनके पास फोन आए। फिर मुग्धा लोगों को वजन कम करने और डाइट से संबंधित सलाह देने लगीं। साल 2019 में उन्होंने iThrive नाम से कंपनी शुरू कर दी। उन्हीं के एक क्लाइंट ने इस कंपनी में पैसा लगाया है। आज कंपनी की नेटवर्थ करीब 66 करोड़ रुपये है। इनकी कंपनी को दो बार फंडिंग भी मिल चुकी है। कंपनी का पिछले साल टर्नओवर 7.12 करोड़ रुपये था।

First published on: May 26, 2024 06:30 AM

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