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मिलिए उस इंजीनियर से, जो भारत के सबसे नए अरबपतियों में से एक, चंद्रयान-3 के कारण कई गुना बढ़ी दौलत

Ramesh Kunhikannan India's newest billionaires: भारत के सफल अंतरिक्ष मिशन ने न केवल अंतरिक्ष अन्वेषण के भविष्य को बल्कि इसके पीछे काम करने वाले पूरे उद्योग को बदल दिया। वहीं, रमेश कुन्हिकन्नन ऐसे ही एक व्यक्ति हैं, जिन्हें चंद्रयान-3 की सफलता से बहुत फायदा हुआ।

Edited By : Shailendra Pandey | Updated: Nov 27, 2023 17:37
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Ramesh Kunhikannan India’s newest billionaires: चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद भारत ने एक ऐसी उपलब्धि हासिल की है, जो दुनिया के किसी भी देश ने नहीं की थी। दरअसल, चंद्रयान-3 ने चांद पर वहां कदम रखा था, जहां दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुंच सका। हालांकि, चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से में उतरा, लेकिन इससे एक 60 वर्षीय इंजीनियर की संपत्ति उत्तर की ओर बढ़ने में मदद मिली है। भारत के सफल अंतरिक्ष मिशन ने न केवल अंतरिक्ष अन्वेषण के भविष्य को बल्कि इसके पीछे काम करने वाले पूरे उद्योग को बदल दिया। वहीं, रमेश कुन्हिकन्नन ऐसे ही एक व्यक्ति हैं, जिन्हें चंद्रयान-3 की सफलता से बहुत फायदा हुआ, जो अब आधिकारिक तौर पर 9,166 करोड़ रुपये (1.1 बिलियन डॉलर) से अधिक की संपत्ति के साथ अरबपति हैं।

चंद्रयान-3 मिशन में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के प्रमुख आपूर्तिकर्ता

गौरतलब है कि रमेश कुन्हिकन्नन कायन्स टेक्नोलॉजी के संस्थापक हैं, जो चंद्रयान-3 मिशन में लैंडर और रोवर के लिए इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं। रमेश कुन्हिकन्नन ने वर्ष 1989 में कायन्स टेक्नोलॉजी की स्थापना की और पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने इसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। शुरुआत में कंपनी एक अनुबंध इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता के रूप में कार्य कर रही थी, लेकिन समय के साथ इसने ऑटोमोटिव, एयरोस्पेस, चिकित्सा और रक्षा उद्योगों सहित कई क्षेत्रों में कदम रखा। इसके बाद कुन्हिकन्नन ने साल 2022 में कंपनी को सार्वजनिक किया।

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पूरे देश में हैं आठ फैक्ट्रियां

दरअसल, कायन्स टेक्नोलॉजी का मुख्यालय मैसूर में है। यह कंपनी सर्किट बोर्डों को असेंबल करने में माहिर है और यह दुनिया भर में 350 ग्राहकों को आपूर्ति करती है। वहीं, पूरे भारत में इसकी आठ फैक्ट्रियां हैं। रमेश कुन्हिकन्नन के पास वर्तमान में कंपनी की 64% हिस्सेदारी है तथा हाल के वर्षों में उन्हें केंद्र के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम से लाभ हुआ है। उनके पास नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग, मैसूर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री है। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण सेवा उद्योग में 33 वर्षों का अनुभव है।

 

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Written By

Shailendra Pandey

First published on: Nov 27, 2023 05:37 PM

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