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PM Garib Kalyan Anna Yojana: 80 करोड़ लोगों के लिए बुरी खबर, दिसंबर के बाद नहीं मिलेगा फ्री राशन!

PM Garib Kalyan Anna Yojana: PMGKAY को दिसंबर के बाद बढ़ाने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इस वित्तीय वर्ष में, खाद्य सब्सिडी 3 ट्रिलियन रुपये को पार कर जाएगी। सरकार ने वित्त वर्ष 2011 में एफसीआई के ऋणों का भुगतान किया था और बजट के बाहर सब्सिडी के एक हिस्से का […]

Edited By : Nitin Arora | Updated: Nov 23, 2022 15:12
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PM Garib Kalyan Anna Yojana: PMGKAY को दिसंबर के बाद बढ़ाने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इस वित्तीय वर्ष में, खाद्य सब्सिडी 3 ट्रिलियन रुपये को पार कर जाएगी। सरकार ने वित्त वर्ष 2011 में एफसीआई के ऋणों का भुगतान किया था और बजट के बाहर सब्सिडी के एक हिस्से का भुगतान करने की प्रथा को समाप्त करते हुए बजट में सभी खाद्य सब्सिडी खर्च शामिल किए थे।

चालू वित्त वर्ष में सरकार के लिए खाद्य सब्सिडी व्यय 3.1 ट्रिलियन रुपये से अधिक होने का अनुमान है, जो प्रारंभिक आवंटन से 50% अधिक है।

कम क्षमता उपयोग और आम तौर पर अविश्वसनीय आर्थिक वातावरण के कारण, अधिकांश उद्यमों ने इस वित्तीय वर्ष की पहली छमाही (H1) के दौरान ‘wait and watch’ रणनीति को चुना।

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अब तक सात बार बढ़ाई गई योजना

खाद्य मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, मुफ्त राशन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के परिणामस्वरूप चालू वित्त वर्ष के लिए बजट अनुमान से अधिक 1.24 ट्रिलियन रुपये की अतिरिक्त लागत का अनुमान है। बता दें कि यह योजना दिसंबर तक चालू है और इसे अंत तक सातवीं बार बढ़ाया जा चुका है।

एक अधिकारी ने मीडिया को बताया, ‘चालू विपणन सीजन (2022-23) में गेहूं की कम खरीद से चालू वित्त वर्ष में 15,000 से 20,000 करोड़ रुपये की बचत होगी। वित्त मंत्रालय और राज्यों के साथ बजट पूर्व परामर्श अभी भी जारी।’

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फ्री राशन को लेकर अभी कुछ तय नहीं

प्रशासन ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि दिसंबर 2022 के बाद के मुफ्त राशन कार्यक्रम को जारी रखा जाए या नहीं। कोविड महामारी के दौरान लोगों के दुखों को कम करने के लिए, पीएमजीकेएवाई को अप्रैल 2020 में शुरू किया गया था ताकि हर महीने प्रति व्यक्ति 5 किलो खाद्यान्न मुफ्त में वितरित किया जा सके। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) द्वारा कवर किए गए 8000 मिलियन व्यक्तियों को यह सुविधा मिली है।

खाद्य मंत्रालय के अधिकारियों का दावा है कि सरकार पहले ही मुफ्त राशन कार्यक्रम पर 3 ट्रिलियन रुपये से अधिक खर्च कर चुकी है, जिसे 2020 में महामारी की पहली लहर के दौरान पेश किया गया था।

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First published on: Nov 22, 2022 01:32 PM

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