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महंगे सिलेंडर के बीच IOC ने तैयार किया ये खास ‘स्टोव’, सस्ता हो जाएगा रसोई का खर्च! जानें- कीमत

नई दिल्ली: भारत की शीर्ष तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ने बुधवार को एक स्थिर, रिचार्जेबल और इनडोर खाना पकाने के स्टोव का अनावरण किया। यह सूर्य की ऊर्जा का उपयोग करता है, लेकिन इसे कही ले जाने की जरूरत नहीं है, ये रसोई में ही रखा रहता है। स्टोव लेने के लिए आपको […]

Edited By : Nitin Arora | Updated: Sep 25, 2022 14:09
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नई दिल्ली: भारत की शीर्ष तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ने बुधवार को एक स्थिर, रिचार्जेबल और इनडोर खाना पकाने के स्टोव का अनावरण किया। यह सूर्य की ऊर्जा का उपयोग करता है, लेकिन इसे कही ले जाने की जरूरत नहीं है, ये रसोई में ही रखा रहता है।

स्टोव लेने के लिए आपको एक बार ही खर्चा करना पड़ेगा और इसके रखरखाव का भी कुछ खर्चा नहीं है। इसे जीवाश्म ईंधन के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।

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तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अपने आधिकारिक आवास पर इसको लेकर रखे गए समारोह की मेजबानी की। जहां चूल्हे पर पकाया गया तीन वक्त का खाना परोसा गया। इस स्टोव को ‘सूर्य नूतन’ नाम दिया गया है।

इस अवसर पर बोलते हुए, आईओसी के निदेशक (आर एंड डी) एसएसवी रामकुमार ने कहा कि स्टोव सौर कुकर से अलग है क्योंकि इसे धूप में नहीं रखना पड़ता है।

सूर्य नूतन, जिसे फरीदाबाद में IOC के अनुसंधान और विकास विभाग द्वारा विकसित किया गया है, हमेशा रसोई में ही रहता है और एक केबल बाहरी या छत पर रखे PV पैनल के माध्यम से कैप्चर की गई सौर ऊर्जा को वहन करती है।

कैसे काम करता है

यह सूर्य से ऊर्जा एकत्र करता है, फिर इसे विशेष रूप से डिजाइन किए गए हीटिंग तत्व के माध्यम से गर्मी में परिवर्तित करता है, फिर थर्मल ऊर्जा को वैज्ञानिक रूप से सिद्ध थर्मल बैटरी में संग्रहीत करता है और इनडोर खाना पकाने में उपयोग के लिए ऊर्जा को पुन: परिवर्तित करता है। कैप्चर की गई ऊर्जा न केवल चार लोगों के परिवार की दिन की खाना पकाने की जरूरतों को पूरा करती है बल्कि रात के भोजन को भी पूरा करती है।

उन्होंने कहा, ‘एक किलो एलपीजी की बचत (स्टोव का उपयोग करके) 3 कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करेगी।’ उन्होंने कहा कि वर्तमान में लद्दाख सहित 60 स्थानों पर प्रोटोटाइप का परीक्षण किया जा रहा है, जहां सौर तीव्रता बहुत अधिक है।

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कितनी है कीमत

बताया गया कि एक बार परीक्षण पूरा हो जाने के बाद इसको मार्केट में लाने का काम शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘इस समय चूल्हे की कीमत 18,000 रुपये से 30,000 रुपये के बीच है, लेकिन बाद में कई प्रकार की सुविधा मिलने के बाद लागत 10,000 रुपये से 12,000 रुपये प्रति यूनिट तक आ सकती है।’

बिना रखरखाव के चूल्हे का 10 साल का जीवन है। इसमें एक पारंपरिक बैटरी नहीं है जिसे बदलने की आवश्यकता है। साथ ही सोलर पैनल की लाइफ 25 साल होती है।

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First published on: Sep 24, 2022 03:27 PM

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