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राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी या वंदे भारत नहीं, इस ट्रेन में म‍िलता है फ्री खाना; जान‍िये क‍िस रूट पर चलती है ये रेल

Indian Railway: भारत में एक ट्रेन ऐसी है, ज‍िसमें यात्र‍ियों को खाना ब‍िल्‍कुल फ्री म‍िलता है. इस ट्रेन का नाम राजधानी या शताब्‍दी नहीं है. बल्‍क‍ि सचखंड एक्सप्रेस है. आइये आपको बताते हैं क‍ि इस ट्रेन में मुफ्त खाना कैसे म‍िलता है और ये ट्रेन क‍िस रूट पर चलती है.

Author Written By: Vandana Bharti Updated: Dec 7, 2025 19:06
इस ट्रेन में यात्र‍ियों को फ्री खाना सर्व क‍िया जाता है.

Sachkhand Express: ​​इंडियन रेलवे, दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है. यह रोज लगभग 13000 पैसेंजर ट्रेनें चलाती है. यानी रोजाना लाखों लोग ट्रेन से सफर करते हैं.अगर आप लंबी दूरी के ल‍िए ट्रेन में यात्रा कर रहे हैं तो आप घर से खाना लेकर आते होंगे. कुछ लोग ट्रेन से भी खाना खरीदते हैं. लेक‍िन ट्रेन के गरमागरम खाने का मजा लेने के ल‍िए आपको कीमत भी चुकानी पड़ती है. लेक‍िन भारतीय रेलवे की एक ट्रेन ऐसी है, ज‍िसमें यात्र‍ियों को फ्री खान सर्व क‍िया जाता है. आइये जानते हैं क‍ि इसमें खाना कैसे फ्री म‍िलता है और ये ट्रेन क‍िस रूट पर चलती है?

क‍िस ट्रेन में फ्री म‍िलता है खाना?

उस ट्रेन का नाम सचखंड एक्सप्रेस (12715) (Sachkhand Express) है. ​​इंडियन रेलवे की ये इकलौती ऐसी ट्रेन है, ज‍िसमें खाना फ्री है. सचखंड एक्सप्रेस अपनी 2081 km की यात्रा के दौरान यात्रियों को मुफ्त नाश्ता, दोपहर का खाना और रात का खाना देती है.

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कई रिपोर्टों के अनुसार, सचखंड एक्सप्रेस में मुफ्त खाना पिछले तीन दशकों से ट्रेन में दिए जा रहे लंगर (कम्युनिटी किचन) की वजह से मुमकिन हुआ है. ट्रेन इतनी देर तक रुकती है कि यात्रियों को बिना किसी भीड़ के खाना मिल सके. ट्रेन में सवार यात्री अक्सर लंगर लेने के लिए अपने बर्तन लाते हैं, जिसमें कढ़ी-चावल, दाल और सब्जी जैसे स्वादिष्ट शाकाहारी भोजन शामिल होते हैं.

किस रूट पर चलती हैसचखंड एक्सप्रेस (12715) ?
सचखंड एक्सप्रेस अमृतसर और नांदेड़ के बीच चलती है. ये ट्रेन दो खास सिख धार्मिक जगहों अमृतसर में श्री हरमंदिर साहिब और नांदेड़ में श्री हजूर साहिब को जोड़ती है. सचखंड एक्सप्रेस 39 स्टेशनों पर रुकती है और इनमें से छह स्टॉप पर यात्रियों को मुफ्त खाना दिया जाता है. ट्रेन की अपनी एक पेंट्री भी है, लेकिन वहां कोई खाना नहीं बनता क्योंकि हर यात्री को लंगर परोसा जाता है और हर दिन लगभग 2000 लोग फ्री खाना खाते हैं. फ्री लंगर लगभग 30 साल पहले 1995 में शुरू हुआ था और तब से इसने लाखों यात्रियों को खाना दिया है.

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First published on: Dec 07, 2025 07:05 PM

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