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Paytm के बाद Google Pay और PhonePe पर सरकार की सख्त नजर, जानें क्या है पूरा मामला?

Google and PhonePe Dominance in Mobile Payments : ऐसा लग रहा है कि Paytm के बाद अब Google Pay और PhonePe पर सरकार की नजर है क्योंकि ये दोनों ऐप UPI-बेस्ड ट्रांजेक्शन में 85% इक्विटी होल्ड कर रहे हैं।

Edited By : Sameer Saini | Updated: Apr 23, 2024 12:24
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Google and PhonePe Dominance in Mobile Payments: क्या आप भी Google Pay और PhonePe का इस्तेमाल कर रहे हैं? अगर हां, तो आपके लिए बड़ी खबर है। NPCI यानी नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया एक ऐसा नियम ला रहा है जिससे ये दोनों ऐप्स जल्द ही नए ग्राहक नहीं जोड़ पाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि गूगल पे और फोनपे ऐसे थर्ड पार्टी पेमेंट ऐप बन गए हैं जो अभी UPI-बेस्ड ट्रांजेक्शन में 85 परसेंट इक्विटी होल्ड कर रहे हैं।

इसी हिस्सेदारी को कम करने के लिए NPCI ने 2022 में एक नियम बनाया था जो उस वक्त लागू नहीं हुआ, जिसके तहत कहा गया था कि थर्ड पार्टी पेमेंट वॉलेट की UPI ट्रांजेक्शन में 30 परसेंट से ज्यादा की हिस्सेदारी नहीं होगी।

1 जनवरी से लागू हो जाएगा नियम?

साथ ही इस नियम में यह भी कहा गया था कि यदि किसी पेमेंट वॉलेट की इक्विटी 30 प्रतिशत से ज्यादा होती है, तो उसे कम किया जाएगा। वहीं, ऐसा कहा जा रहा है कि अब 1 जनवरी 2025 से UPI ट्रांजेक्शन में इक्विटी को कम किया जा सकता है।

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कंपनियों को इंतजार…

वहीं पेटीएम जैसी कई कंपनियां इस वक्त इंतजार कर रहे हैं कि डिजिटल ट्रांजेक्शन में इक्विटी को लेकर NPCI किस तरह की गाइडलाइंस लाएगा। बता दें कि NPCI ही यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी UPI चलाता है, जिसका इस्तेमाल आज हम में से बहुत से लोग पेमेंट में करते हैं।

क्या इस वजह से आ रहा है नया नियम?

मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि NPCI जोखिम को कम करने के लिए इस तरह का नियम ला रहा है। दो ऐप का ट्रांजेक्शन पर इतना ज्यादा कंट्रोल जोखिम को बढ़ा देता है क्योंकि अगर इसमें कोई समस्या होती है, तो पूरा पेमेंट सिस्टम हिल जाएगा। इसलिए थर्ड पार्टी पेमेंट वॉलेट की UPI ट्रांजेक्शन में 30 परसेंट से ज्यादा की हिस्सेदारी नहीं होगी। जिसके बाद 30 परसेंट से ज्यादा इक्विटी वाले ऐप नए ग्राहक जोड़ने से मना कर सकते हैं।

First published on: Apr 23, 2024 12:20 PM

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